लखनऊ

Alaya Apartment Collapse: क्या बिना नक्शा पास किए बनी थी बिल्डिंग? 12 साल पहले गिराने का मिला था आदेश

अलाया अपार्टमेंट गिरने के पीछे एलडीए प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एलडीए ने 10 साल पहले बिल्डिंग के नक्शे को रद्द कर दिया था।

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Jan 26, 2023

लखनऊ के हजरतगंज में मंगलवार शाम को 5 मंजिला बिल्डिंग भर- भराकर गिर गई। यह बिल्डिंग लखनऊ के वजीर हसन रोड थी। इसका नाम अलाया अपार्टमेंट था। बिल्डिंग गिरने के बाद चारों तरफ चीख पुकार मच गई। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना के जवानों को मोर्चा संभालना पड़ा।

जिसमें सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां और पत्नी की मौत हो गई। इसके अलावा करीब 16 लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।


24 घंटे बाद LDA प्रशासन की बड़ी लापहरवाही आई सामने

अलाया अपार्टमेंट की बिल्डिंग गिरने के 24 घंटे बाद LDA प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। वहीं लोग बिल्डिंग के नक्शे पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं। अलाया अपार्टमेंट का गिराने का आदेश 2 अगस्त 2010 को तत्कालीन विहित प्राधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने दिया था।


इसके बावजूद इस बिल्डिंग को अभी तक नहीं गिराया गया। अगर एलडीए प्रशासन तब जाग गया होता तो शायद आज दो लोगों का जान बच जाती। इतना ही नहीं एलडीए अधिकारी दो बार इस बिल्डिंग के नक्शे को रिजक्ट कर दिया था। इसके बाद भी बिल्डिंग बन गई।

डेवलपर ने बिल्डिंग का जमा किया था कंपाउंडिंग नक्‍शा

एलडीए के दस्तावेज के मुताबिक साल 2010 में डेवलपर ने बिल्डिंग का कंपाउंडिंग नक्‍शा जमा किया था। तब एलडीए ने निरस्त कर दिया था। कंपाउंडिंग नक्‍शा तभी जमा होता है जब बिल्डिंग का निर्माण नक्शे के मुताबिक ना किया गया हो।

ऐसे में आशंका है कि इमारत का निर्माण बिना नक्‍शे की कमियां दूर किए करा लिया गया। फिलहाल एलडीए वीसी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। शुरुआती जांच में पाया गया है कि अलाया अपार्टमेंट का पूरा टावर 9 इंच के पिलर पर खड़ा किया गया था। यही नहीं इसके कुछ पिलर पर कई दिनों से दरारें भी दिख रही थीं। वहीं स्थानीय नागरिकों का कहना है, बिल्डिंग के बेसमेंट में कई दिनों से पिलर की मरम्मत का काम चल रहा था।

“एलडीए इंजीनियरों ने भी मलबा देखकर बताया कि घटिया निर्माण हुआ था”

ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इसी दौरान हादसा हुआ है और पूरी इमारत भरभराकर गिर गई। वहीं मौके पर पहुंचे एलडीए इंजीनियरों ने भी मलबा देखकर बताया कि घटिया निर्माण होने की वजह से यह इमारत 10 साल में गिर गई।

इस अपार्टमेंट को यजदान बिल्‍डर ने बनाया था। यजदान बिल्डर के मालिक सायम और फहद यजदानी हैं। वहीं अलीम चौधरी और सराफत अली डायरेक्टर हैं। याजदान डिवेलपर्स के मुताबिक आठ साल पहले उनका इस इमारत में कार्यालय था, जो अब बंद हो गया है। एलडीए प्रशासन ने अब यजदान बिल्‍डर की 3 और बिल्डिंग चिन्हित की गई है। इन पर भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

“बिल्डिंग के ऊपर के फ्लोर के लिए भी अनुमति नहीं ली गई”

डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि बिल्डिंग का निर्माण घटिया स्तर पर किया गया था। इसके गिरने के पीछे यही कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग के ऊपर के 2 फ्लोर के लिए भी अनुमति नहीं ली गई थी। इसके बावजूद पांच मंजिला इमारत बना दी गई। जांच की जा रही है, जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Updated on:
26 Jan 2023 01:45 pm
Published on:
26 Jan 2023 07:31 am
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