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UP Defence Corridor: यूपी डिफेंस कॉरिडोर से बदलेगी प्रदेश की तस्वीर, ₹35 हजार करोड़ निवेश और 52 हजार रोजगार

UP Defence Corridor Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर राज्य को रक्षा निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हजारों करोड़ के निवेश, बड़े रक्षा प्रोजेक्ट्स और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों के साथ यह परियोजना प्रदेश की औद्योगिक तस्वीर बदल रही है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 15, 2025

₹35,000 करोड़ से अधिक निवेश, 52,000 से ज्यादा रोजगार का वादा (फोटो सोर्स : Information Department )

₹35,000 करोड़ से अधिक निवेश, 52,000 से ज्यादा रोजगार का वादा (फोटो सोर्स : Information Department )

UP Defence Corridor Update: उत्तर प्रदेश तेजी से देश के प्रमुख रक्षा उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी पहल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत बनती नजर आ रही है। यह कॉरिडोर न सिर्फ स्वदेशी रक्षा उत्पादन को मजबूती दे रहा है, बल्कि एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की पहचान को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर स्थापित कर रहा है।

छह रणनीतिक नोड्स में तेजी से बढ़ता औद्योगिक विकास

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को राज्य के छह प्रमुख और रणनीतिक स्थानों अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा में विकसित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) द्वारा अब तक 2,097 हेक्टेयर भूमि को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें से 2,040 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। वर्तमान में 1,598.92 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक आवंटन के लिए उपलब्ध है।

अब तक 977.54 हेक्टेयर भूमि 62 कंपनियों को आवंटित की जा चुकी है। इन कंपनियों द्वारा ₹11,997.45 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है, जिससे 14,256 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि कॉरिडोर राज्य के औद्योगिक भविष्य की रीढ़ बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

अलीगढ़ और कानपुर बने अग्रणी केंद्र

कॉरिडोर के विभिन्न नोड्स में अलीगढ़ कंपनियों की संख्या के लिहाज से सबसे आगे है, जहां 24 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है। वहीं कानपुर भूमि क्षेत्रफल के मामले में अग्रणी है, जहां 210 हेक्टेयर भूमि पांच प्रमुख कंपनियों को दी गई है। इसके अलावा, झांसी में 571 हेक्टेयर भूमि 17 कंपनियों को आवंटित की गई है, जबकि लखनऊ में 131 हेक्टेयर से अधिक भूमि 16 कंपनियों को दी जा चुकी है। आने वाले समय में चित्रकूट, अलीगढ़ फेज-2 और आगरा में भी भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिससे कॉरिडोर को और गति मिलेगी।

197 MoUs से खुला निवेश का विशाल द्वार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में डिफेंस कॉरिडोर के लिए अब तक 197 मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इनमें से 172 औद्योगिक MoUs हैं, जिनके माध्यम से ₹34,844.49 करोड़ के निवेश और 52,658 रोजगार सृजित होने की संभावना है। इतना ही नहीं, 110 से अधिक नए MoUs पाइप लाइन में हैं, जिनसे लगभग ₹22,847 करोड़ के अतिरिक्त निवेश और करीब 38,000 नए रोजगार आने की उम्मीद है। यह निवेश उत्तर प्रदेश को रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग के नक्शे पर एक मजबूत स्थान दिलाने वाला साबित होगा।

‘मेक इन इंडिया’ और ‘ओडीओपी’ से जुड़ा विजन

UPEIDA के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी एच.पी. शाही के अनुसार, यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और राज्य सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP)’ योजना से रणनीतिक रूप से जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य केवल बड़े उद्योगों को आकर्षित करना नहीं है, बल्कि स्थानीय MSME इकाइयों को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ना, स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देना और समावेशी औद्योगिक विकास सुनिश्चित करना है। इससे छोटे और मझोले उद्योगों को भी रक्षा क्षेत्र में भागीदारी का अवसर मिलेगा।

ब्रह्मोस यूनिट ने बढ़ाया सामरिक महत्व

डिफेंस कॉरिडोर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई की स्थापना। इस इकाई ने न केवल परियोजना की विश्वसनीयता बढ़ाई है, बल्कि उत्तर प्रदेश के रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा महत्व को भी कई गुना बढ़ा दिया है। इस उपलब्धि के बाद उत्तर प्रदेश अब गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

रोजगार, कौशल और क्षेत्रीय संतुलन

डिफेंस कॉरिडोर का सबसे बड़ा लाभ रोजगार सृजन के रूप में सामने आ रहा है। हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के साथ-साथ यह परियोजना युवाओं के लिए उच्च तकनीकी कौशल सीखने का अवसर भी प्रदान करेगी। इसके अलावा, अलग-अलग क्षेत्रों में नोड्स विकसित होने से क्षेत्रीय असंतुलन कम होगा और बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों को भी औद्योगिक पहचान मिलेगी।

ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर उत्तर प्रदेश

तेजी से विकसित हो रहा यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर राज्य के ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य का एक अहम स्तंभ बनता जा रहा है। बेहतर बुनियादी ढांचा, एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी, निवेश अनुकूल नीतियां और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते आने वाले महीनों में और बड़े रक्षा व एयरोस्पेस निवेश की घोषणाएं होने की संभावना है।