
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद बदलेगी योगी कैबिनेट की तस्वीर (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)
UP Yogi Cabinet Reshuffle: उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक बदलाव के बाद अब योगी सरकार के मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है। यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद पर पंकज चौधरी के निर्विरोध निर्वाचन के बाद पार्टी और सरकार दोनों स्तरों पर व्यापक बदलाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में योगी मंत्रिमंडल का विस्तार और पुनर्गठन लगभग तय माना जा रहा है, जिसमें कई नए चेहरे शामिल होंगे, तो कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। यह फेरबदल केवल नामों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संगठन और सरकार के बीच संतुलन, सामाजिक समीकरण और आगामी राजनीतिक रणनीति को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार में कुल 54 मंत्री हैं, जबकि संवैधानिक रूप से 60 मंत्रियों तक की गुंजाइश है। यानी सरकार के पास 6 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का पूरा अवसर है। यही कारण है कि संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर मंथन तेज हो गया है। सूत्रों का कहना है कि इस विस्तार के साथ-साथ कुछ मंत्रियों को संगठन की जिम्मेदारी देकर मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है, जबकि कुछ नए और रणनीतिक चेहरों को सरकार में लाया जाएगा।
सबसे ज्यादा चर्चा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उन्हें जल्द ही केंद्र सरकार या पार्टी संगठन में एक बड़ी राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम पद खाली हो जाएगा। केशव मौर्य लंबे समय से संगठन और सरकार,दोनों में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। ऐसे में उनका केंद्र में जाना भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
डिप्टी सीएम पद के लिए जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है, वह है साध्वी निरंजन ज्योति। वर्तमान में केंद्र सरकार में मंत्री रहीं साध्वी निरंजन ज्योति को उत्तर प्रदेश सरकार में लाकर डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इससे-
जैसे कई राजनीतिक फायदे साधे जा सकते हैं। साध्वी निरंजन ज्योति का नाम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की पसंद में बताया जा रहा है।
इस संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में समाजवादी पार्टी से बगावत करने वाले विधायकों की भी एंट्री तय मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, सपा के 7 बागी विधायकों में से 2 से 3 को मंत्री बनाया जा सकता है।
इनमें सबसे प्रमुख नाम पूजा पाल का है। सपा से बगावत कर भाजपा के समर्थन में आने के बाद से ही उन्हें राजनीतिक इनाम मिलने की चर्चा चल रही थी। अब मंत्रिमंडल विस्तार में उनका नाम सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पूर्व मंत्री मनोज पांडेय भी रेस में बताए जा रहे हैं, जिससे जातीय संतुलन को और मजबूती मिल सके।
भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह को भी योगी सरकार में महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिलने की प्रबल संभावना है। संगठन में उनकी पकड़ और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें सरकार में बड़ी भूमिका दे सकती है।
इस बार संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में कई बड़े और प्रभावशाली नाम सामने आ रहे हैं-
1.महेंद्र सिंह (पूर्व मंत्री):
संगठन में मजबूत पकड़, अनुभवी नेता
2.पंकज सिंह (विधायक):
युवा, लोकप्रिय और क्षेत्रीय संतुलन का मजबूत चेहरा
3.आशीष सिंह ‘आशु’ (विधायक, बिलग्राम-मल्लावां, हरदोई):
क्षेत्रीय संतुलन और युवा नेतृत्व के तौर पर मजबूत दावेदारी
इन नामों को लेकर पार्टी के भीतर गंभीर मंथन चल रहा है।
भाजपा की रणनीति स्पष्ट है, कुछ मौजूदा मंत्रियों को संगठन में भेजा जाएगा,संगठन में सक्रिय नेताओं को सरकार में लाया जाएगा,सामाजिक, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधा जाएगा। 2027 की राजनीतिक जमीन अभी से मजबूत की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पंकज चौधरी के निर्वाचन के बाद संगठन को नई धार देने की योजना है और उसी के अनुरूप सरकार में भी बदलाव किया जाएगा।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह फेरबदल कई वजहों से जरूरी माना जा रहा है,सरकार के कामकाज में नई ऊर्जा, संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय,नए सामाजिक वर्गों और नेताओं को प्रतिनिधित्व और साथ ही आगामी चुनावों से पहले मजबूत संदेश देने की कोशिश हैं। भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सरकार और संगठन एक सुर में काम करें।
हालांकि अभी तक पार्टी या सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन संकेत साफ हैं कि योगी मंत्रिमंडल में जल्द बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दिल्ली और लखनऊ के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है और अंतिम मुहर शीर्ष नेतृत्व द्वारा लगाई जाएगी।
Published on:
15 Dec 2025 11:00 am
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