
नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ का पूरा पैसा निकालना हो सकता है घाटे का सौदा, आपके खाते पर मिलता है बड़ा फायदा
लखनऊ. कोरोना काल (Covid-19) में नौकरी और सैलरी दोनों बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। नौकरी में सैलरी कट झेल रहे कर्मचारी अच्छी नौकरी का विकल्प मिलते ही पुरानी नौकरी छोड़ दे रहे हैं। इसके साथ ही कई कर्मचारी नौकरी बदलते ही पीएफ का पूरा पैसा भी निकाल लेते हैं। लेकिन ये उनके लिए फायदे की जगह घाटे का सौदा हो सकता है। दरअसल, नौकरी छोड़ने के बाद भी पीएफ पर ब्याज मिलता रहता है और नया रोजगार मिलने के साथ ही उसे कंपनी के साथ स्थानांतरित कराया जाता है। इसलिए जरूरत न होने पर नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ का पैसा निकालना आपके लिए गलत साबित हो सकता है। अगर पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है, तो बेहतर है कि आप कुछ सालों या एक निश्चित समय तक पीएफ खाते को वैसे ही छोड़ दें।
पेंशन योजना में नहीं आएगी रुकावट
अगर एक नौकरी छोड़ने के कुछ महीनों बाद दूसरी नौकरी करने लगते हैं और पुरानी कंपनी की पूरी पीएफ राशि को नई में स्थानांतरित करा लेते हैं तो इसे सेवा की निरंतरता माना जाएगा। ऐसे में पेंशन योजना में रुकावट नहीं आएगी। सेवा में निरंतरता के प्रावधान के तहत सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अंशदान बराबर देना जरूरी है।
पीएफ निकालने के नियम
कुछ अन्य बातें
- आपको किसी जरूरत के कारण पैसा निकालना ही है, तो केवाईसी का होना बेहद जरूरी है।
- अगर कोई व्यक्ति दो माह तक बेरोजगार रहता है तो पीएफ का पूरा पैसा निकाल सकता है, जबकि नौकरी छोड़ने के एक माह के बाद 75 फीसदी पैसा निकाला जा सकता है।
- अगर सेवाकाल दस साल से कम का है तो पेंशन का भी पूरा पैसा निकाला जा सकता है।
- सामान्यतया पीएफ का पूरा पैसा 58 साल की उम्र होने के बाद सेवानिवृत्ति पर ही निकाला जा सकता है।
Published on:
07 Oct 2020 08:55 am
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