
मुन्ना बजरंगी को मारने के लिए क्यों चुनी गई बागपत जेल, सामने आई बड़ी वजह
लखनऊ. मुन्ना बजरंगी मर्डर केस में एक नया मोड़ आया हैं। मुन्ना बजरंगी के परिवार वालों ने सरकार से मर्डर की सीबीआई जांच की मांग की है। लेकिन मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ से अपनी पुलिस टीम व अधिकारीयों से बातचीत कर फ़िलहाल अभी के लिए मामले को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। इस सम्बन्ध में गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार ने साफ किया है कि न्यायिक जाँच और मैजिस्ट्रेट जांच की जा रही है। डीआईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने भी एक सवाल के जवाब में कहा की फ़िलहाल ऐसा नहीं है।
पत्नी ने जताई थी हत्या की आशंका
मुन्ना बजरंगी के परिजनों ने इस मामले में शासन प्रशासन के अलावा पूर्व सांसद धनंजय सिंह और कुछ अन्य लोगों की मिलीभगत का आरोप लगाया था। उनकी पत्नी सीमा सिंह ने 10 दिन पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हत्या की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि जेल के अंदर इस तरह की साजिश पहले से ही की जा रही थी इसलिए पुलिस प्रशासन की जांच पर उनका भरोसा नहीं है। मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए।
क्यों चुनी गई बागपत जेल
मुन्ना बजरंगी मर्डर केस में यह बात बार बार सवाल खड़ा कर रही है कि क़त्ल के लिए बागपत जेल ही क्यों चुनी गई, जहाँ एक भी कैमरे नहीं थे। साथ ही स्टाफ भी कम था जिससे आसानी से कोई भी साजिश रची जा सकती है। जेल के अंदर असलहा भी बड़ी आसानी से पहुंचाया जा सकता है। बता दें की मुन्ना बजरंगी के लिए जिस सुनील राठी को जिम्मेदारी दी गई थी उसका बागपत में साम्राज्य फैला हुआ है।
दो फोटो हुई वायरल
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी व उसके साथियों ने ना केवल जश्न मनाया बल्कि उसकी लाश पर भी गोलियां बरसाई थी, जिसकी दो अलग-अलग फोटो वायरल हुई है। यह दोनों फोटो जेल से वायरल की गई हैं। एक फोटो में बजरंगी के मात्र सिर में गोली लगी है और उसका शरीर मृत पड़ा हुआ है।
बजरंगी के गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती
बागपत से मुन्ना बजरंगी का शव आने से पहले ही उसके गांव से लेकर वाराणसी के मणिकर्णिका घाट तक पुलिस छावनी में तब्दील रहा। जौनपुर स्थित उसके गांव पूरे दयाल के स्थानीय बाजार में भी पुलिस वाले तैनात रहे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान दिखाई पड़े।
एडीजी कारागार चंद्रप्रकाश ने मंगलवार को जिला जेल का निरीक्षण किया। डीआईजी और जेल अधीक्षक से घटना की जानकारी ली गई। इस दौरान उन्होंने नामजद हत्यारोपी सुनील राठी से भी पूछताछ की। उन्होंने कहा कि हत्या की जांच बागपत पुलिस कर रही है जबकि डीआईजी जेल कारागार मे हथियार पहुंचाने की जांच कर रहे हैं। एडीजी कारगार चंद्रप्रकाश मंगलवार दोपहर बागपत जिला जेल पहुंचे। सबसे पहले वहां पहुंच कर उन्होंने मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपी कुख्यात बदमाश सुनील राशि से घंटो तक पूछताछ की।
कारतूसों के जखीरे की जांच शुरु
बागपत जेल के गटर से मुन्ना बजरंगी की हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल के साथ दो मैगज़ीन और करीब दो दर्जन जीवित कारतूस मिले हैं। यह सभी प्रतिबंधित चीजें जेल में कैसे पहुंची पुलिस इसकी जांच में जुटी है।
Published on:
11 Jul 2018 09:27 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
