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अग्नि काण्ड के बाद अब खुलेंगी डुप्लीकेट फाइलें, दूर होंगी आवंटियों की समस्याएं

इस आदेश से वास्तविक आवंटियों को राहत भी मिलेगी।

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लखनऊ

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Dikshant Sharma

Oct 26, 2017

LDA

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लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में डुप्लीकेट पत्रावली खुलने का एक बार फिर सिलसिला शुरू होने वाला है। यही नहीं निरस्त आवंटनों के पुर्नजीवन के मामले भी निपटाएं जाएंगे। इन दोनों मामलों के लिए संयुक्त सचिव महेंद्र कुमार मिश्र की अध्यक्षता में छह सदस्यीय अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। इस समिति की संस्तुति पर सचिव जय शंकर दुबे अनुमोदन प्रदान करेंगे।
दरअसल, एलडीए में फाइलों के गायब होने का सिलसिला कोई नई बात नहीं है। योजनाओं से जुड़ी फाइलों को योजना से जुड़े सहायक वसूली के लिए अपने पास दबाकर कर रख लेते हैं। वहीं अन्य योजना सहायकों को इसकी जानकारी नहीं होती है। इससे स्थानांतरित कर्मी के समस्त पत्रावलियों को कार्य देख रहे योजना सहायक को न सौंपे जाने से आवंटियों को परेशानी होती है। वहीं पत्रावली के न मिलने से उस पत्रावली की डुप्लीकेट पत्रावली खोलने के लिए उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्ताव रखा जाता है।

इस खेल को रोकने के लिए पूर्व में डुप्लीकेट पत्रावली खोलने पर रोक लगा दी गई थी। इस आदेश के बाद आवंटियों को बड़ी राहत मिली थी। एलडीए की अलग-अलग योजनाओं में आवंटी कभी रजिस्ट्री के लिए चक्कर लगाते हैं तो कभी कंपाउडिंग फीस जानने के लिए बाबूओं के सामने गिडग़ड़ाते हैं।

विभागों से फाइलों के गायब होने या फिर नहीं मिलने की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर पड़ताल कराई गई तो मालूम हुआ कि एलडीए में कई ऐसे योजना सहायक हैं जो स्थानांतरित होने के बाद भी पुरानी फाइलों को दबाए बैठे हैं और नए योजना सहायक को इन्हें हस्तगत नहीं किया है। इस दशा में फाइलों के नहीं मिलने पर उन्हें मिसिंग घोषित कर दिया जाता है। इससे अनावश्यक रूप से लोगों को परेशान होना पड़ता है। हालांकि कई आवंटी ऐसे भी हैं जो पिछले कई वर्षों से परेशान हैं। फाइलों के गायब होने से ऐसे आवंटियों को अपना मकान नहीं मिल पा रहा है या फिर रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। सचिव के इस आदेश से वास्तविक आवंटियों को राहत भी मिलेगी।

इस कमेटी की संस्तुति पर फिर खुलेगी फाइल
सचिव जय शंकर दुबे के आदेश के अनुसार गायब व विलुप्त पत्रावलियों के स्थान पर डुप्लीकेट पत्रावली खोले जाने एवं निरस्त आवंटनों के पुर्नजीवन के प्रकरणों पर संस्तुति के आधार पर त्वरित व तर्कसंगत निर्णय लिए जाएंगे। इसके लिए संयुक्त सचिव महेंद्र कुमार मिश्र की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गई है। इस समिति में सदस्यों में वित्त नियंत्रक अथवा उनकी ओर से नामित लेखाधिकारी, नजूल अधिकारी विश्व भूषण मिश्र, संबंधित योजना के स्तर दो के अधिकारी, डिप्टी कास्ट एकांउटेंट व संयोजक सदस्यों में संबंधित जोन के अधिशासी अभियंता तथा योजना के स्तर एक के अधिकारी हैं। अधिशासी अभियंता केवल अभियंत्रण खंड की पत्रावली के पुर्गगठन में इस समिति में सदस्य रहेंगे।