
Akhilesh & Election Commission: सीईओ ने अखिलेश की पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से त्रुटियों को खोजने और सुधारने का कार्य राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था न कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा।
यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, "एआई, अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से मतदाता सूचियों में विद्यमान त्रुटियों को ढूंढकर उनका सुधार किए जाने का समाचार राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश के हवाले से विगत दिनों में उत्तर प्रदेश के समाचार पत्रों में छपा था। राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश में स्थित पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचनों से संबंधित मतदाता सूचियों को बनाने एवं इन संस्थाओं व निकायों के चुनाव करवाने का कार्य करता है। इससे भिन्न भारत निर्वाचन आयोग लोकसभा, विधानसभा सभा एवं विधान परिषद के चुनावों से संबंधित मतदाता सूचियों को बनाने एवं उनके रखरखाव का कार्य करता है और इन सदनों के चुनाव करवाता है।"
पोस्ट में आगे कहा गया, "प्रायः आम जनता में एवं मीडिया में भी इस बात की स्पष्टता नहीं रहती है तथा लोग इन दोनों आयोगों के कार्य में अंतर नहीं जानते हैं। यहां तक कि सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों में भी बहुधा इस भिन्नता की जानकारी नहीं है। इस अवसर का सदुपयोग कर इस भिन्नता को रेखांकित किया जाता है। एआई का प्रयोग कर मतदाता सूची को शुद्ध किए जाने का समाचार भारत निर्वाचन आयोग से संबंधित नहीं है।"
मुख्य चुनाव अधिकारी ने आगे लिखा, "18 हजार शपथ पत्रों के संबंध में अवगत कराना है कि यह मामला भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश से संबंधित है। जिला निर्वाचन अधिकारियों से जानकारी करने पर यह पता चला है कि 4 सितंबर 2025 तक वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम गलत ढंग से काटने की शिकायत से संबंधित तथाकथित 18 हजार शपथ पत्रों में से एक शपथ पत्र भी मूल रूप में संबंधित 33 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और संबंधित 74 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को प्राप्त नहीं हुआ है।"
आयोग ने आगे कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश के कार्यालय में भी 4 सितंबर 2025 तक इस संबंध में कोई शपथ पत्र मूल रूप में प्राप्त नहीं हुआ है। इस शिकायत से संबंधित मूल शपथपत्र प्राप्त होते ही तत्परता से जांच पूर्ण कर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी और सर्वसाधारण को अवगत कराया जाएगा।
Published on:
06 Sept 2025 08:20 am
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