6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, विभाग के इस फैसले से मिलेगी बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे लगभग 22,045 करोड़ रुपये के एवज में अगले पांच वर्ष तक सात प्रतिशत बिजली की दरों को घटाया जाना चाहिए।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Jyoti Singh

Jun 28, 2022

उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बिजली विभाग ने बड़ी राहत दी है। जिसके तहत इस साल न ही बिजली दरें महंगी होंगी और न ही स्लैब परिवर्तन किया जाएगा। सोमवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की बैठक हुई जिसमें उपभोक्ता संगठनों के विरोध को देखते हुए विद्युत नियामक आयोग, पावर कारपोरेशन के स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव को भी मानता नहीं दिख रहा है। यह देख के लग रहा है कि राज्य में फिलहाल बिजली की दरों में कोई बढ़तरी नहीं की जाएगी। फिलहाल आयोग बिजली की दरों पर जुलाई में अपना फैसला देगा। बता दें कि नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह की अध्यक्षता में राज्य सलाहकार समिति की बैठक में पहले-पहल कंपनियों के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर), ट्रूअप और बिजली दर संबंधी प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसके बाद नियामक आयोग ने साफ कहा कि वह बिजली कंपनियों की अक्षमता का बोझ उपभोक्ताओं की जेब पर नहीं डालेगा।

यह भी पढ़े - Bareilly: पैदा होते ही नवजात को टॉयलेट में बहाया, जब सीट में शव फंसा तो भाग निकले आरोपी

कहा, सात प्रतिशत बिजली दर घटे

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे लगभग 22,045 करोड़ रुपये के एवज में अगले पांच वर्ष तक सात प्रतिशत बिजली की दरों को घटाया जाना चाहिए। उन्होंने नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के ऊपर ग्रेटर नोएडा के उपभोक्ताओं के निकल रहे 1176 करोड़ रुपये के एवज में दरों में कमी के लिये रेग्युलेटरी लाभ दिए जाने की बात कही।

उपभोक्ताओं के लिए बिजली सस्ती हो

गौरतलब है कि एनपीसीएल के लाइसेंस की अवधि अगले वर्ष खत्म हो रही है। इसलिए अवधेश कुमार वर्मा ने अन्य सदस्यों के साथ प्रस्ताव रखा कि आयोग इस धनराशि को अपने खाते में ट्रांसफर करा ले। उन्होंने 1.20 करोड़ लाइफ लाइन उपभोक्ताओं से पिछले तीन वर्षों में लगभग 1400 करोड़ रुपये ज्यादा वसूलने पर कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं की बिजली भी सस्ती की जाए।

यह भी पढ़े - Ayodhya: प्रेमिका बनी प्रेमी के जान की दुश्मन, परिजनों ने हत्या कर शव को लगाया ठिकाने

अक्षमता का खामियाजा उपभोक्ता नहीं भुगतेंगे

वहीं प्रमुख सचिव ऊर्जा एम. देवराज द्वारा स्लैब परिवर्तन के प्रस्तुतीकरण पर सदस्यों के विरोध को देखते हुए चेयरमैन ने उसे दिखाने से रोकते हुए कहा कि आयोग अपने तरीके से इस पर कार्यवाही करेगा। ऐसे में प्रस्ताव खारिज होना तय माना जा रहा है। प्रमुख सचिव द्वारा रिवैंप योजना की वितरण हानियों का जिक्र करते हुए मंजूरी देने की बात को भी चेयरमैन ने न मानते हुए कहा कि किसी की अक्षमता का खामियाजा उपभोक्ता नहीं भुगतेंगे। बिजनेस प्लान में अनुमोदित हानियां ही मानी जाएंगी।