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एक खेत, 4 फसलें, 5 लाख तक की कमाई, इस तकनीक से खेती कर किसान कमा रहे बंपर मुनाफा, जानें क्या है गणित

देश में लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या लगभग 87 फीसदी के आसपास है। कम जमीन होने के कारण एक ही तरह की खेती के सहारे कमाी कर अपने परिवार का पेट पालना किसानों के लिए आसान नहीं होता, इसलिए ऐसे किसानो के लिए मल्टीलेयर फार्मिंग (जिसे बहुफसल फार्मिंग तकनीक भी कहा जाता है) उपयोगी हो सकती है। आइये जानते हैं कि क्या है यह फार्मिंग और कैसे इसके जरिये किसानों को फायदा मिल सकता है।

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Multilayer Farming

Symbolic Image of Multilayer Farming

खेती-किसानी की नई-नई तकनीक आने के बाद किसानों को फसल उगाने के लिए पहले के मुकाबले कुछ राहत मिली है। हालांकि, अभी भी कम जमीन होने के कारण किसानों के लिए एक तरह की खेती करके परिवार का गुजारा करना आसान नहीं है। मगर, नई तरह की तकनीक आने के बाद से किसानों के लिए मुनाफा कमाना कुछ आसान हुआ है। इस नई तकनीक का नाम है मल्टीलेयर फार्मिंग। उत्तर प्रदेश समेत देश भर में किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर मालामाल हो रहे हैं। इसमें एक ही खेत में चार अलग तरह की फसलों की खेती कर किसान अपना गुजारा कर रहे हैं। अच्छी बात यह भी है कि मल्टीलेयर तकनीक से खेती करने पर 70 प्रतिशत पानी की बचत होती है।

क्या है मल्टीलेयर या बहुफसल खेती तकनीक

What is Multilayer Technique

मल्टी लेयर फार्मिंग खेती करने की ऐसी विधि है जिसमे एक ही खेत में एक साथ 4 से 5 फसलों की खेती की जाती हैं। इस तरह की खेती मे फसलों का सही चयन काफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इसके लिए किसान पहले जमीन में ऐसी फसल लगाते हैं, जो कि भूमि के अंदर भी उगती है। फिर उसी खेत में सब्जी और अन्य पौधों को भी आराम लगाया जाता है। इसके अलावा किसान उसी खेत में छायादार और फलदार वृक्ष भी उगा सकते हैं।

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मल्टीलेयर फार्मिंग में लागत

Cost Involved in Multilayer Farming

मल्टीलेयर फार्मिंग प्रक्रिया कम खर्च में पूरी की जा सकती है। अन्य फसलों के मुकाबले इसमें सामान्य से कम खर्च आता है। अगर एक एकड़ में इस तकनीक से खेती करने में किसान को एक लाख रुपये तक की लागत आती है, तो किसान आराम से उससे पांच लाख रुपये तक का मुनाफा भी कमा सकता है।

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मल्टीलेयर फार्मिंग से मोटा मुनाफा कमाने वाले जालौन जिले के सत्येंद्र सिंह कहते हैं, मल्टीलेयर फार्मिंग में काफी फायदा है। इसमें एक बार सेटअप लग जाने के बाद ज्यादा मेहनत और समय देने की जरूरत नहीं पड़ती। बस यह इसे रूटीन टाइम ती तरह से किया जा सकता है। मल्टीलेयर फार्मिंग को ऑर्गेनिक तरीके से ही करना चाहिए क्योंकि इस खेती में कई ऐसे पौधे होते हैं जिन्हें कुछ रासायनिक उर्रवरक सूट नहीं करते हैं। जबकि ऑर्गेनिक उर्वरक सभी पौधों में एक समाम प्रभाव डालते है।

सब्जी उत्पादन में भारत देश का स्थान

India's Position in Vegetable Production

विश्व में सब्जी उत्पादन में भारत, चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत में दुनिया की 15 फीसदी सब्जियों का उत्पादन होता है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा जारी किये गये आंकड़ो के मुताबिक 2019-20 में भारत में 99.07 मिलियन मीट्रिक टन फल और 191.77 मिलियन मीट्रिक टन सब्जी का उत्पादन हुआ। भारत में 6.66 मिलियन हेक्टेयर में फल की खेती होती है जबकि 10.35 मिलियन हेक्टेयर में सब्जी की खेती की जाती है।