
नगर निगम को करोड़ों का घाटा: लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी
Google Earth Exposes Tax Evasion:लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाला एक रोचक मामला सामने आया है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने गूगल अर्थ की मदद से राजधानी की विभिन्न व्यावसायिक संपत्तियों को सर्च किया और पाया कि कई होटल, अस्पताल, रिसॉर्ट और शादी घर नगर निगम के हाउस टैक्स के दायरे में नहीं हैं। यह गड़बड़ी नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपये के नुकसान का कारण बन रही थी।
नगर आयुक्त ने बताया कि जब गूगल अर्थ पर विभिन्न क्षेत्रों की व्यावसायिक संपत्तियों की जांच की गई, तो पाया गया कि कई संपत्तियां या तो नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं थी या उनकी सही कर निर्धारण प्रक्रिया नहीं हुई थी। इन संपत्तियों में तीन से सात मंजिला इमारतें भी शामिल हैं, जिनका पुनरीक्षण नहीं किया गया।
नगर आयुक्त ने बताया कि गूगल अर्थ की मदद से जिन संपत्तियों की पहचान हुई, उनमें से कई से गृह कर वसूला ही नहीं जा रहा था। इसके अलावा जो संपत्तियां गृहकर के दायरे में थीं, वे अब तीन से सात मंजिला बन चुकी हैं, लेकिन उनका पुनरीक्षण नहीं हुआ। ऐसी 110 संपत्तियों की सूची पहले चरण में तैयार की गई है।
नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। सात अरब रुपये के लक्ष्य के मुकाबले अभी तक सिर्फ चार अरब रुपये ही वसूले गए हैं। इससे नगर निगम के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नगर निगम पर चार अरब रुपये की देनदारी है, लेकिन हाउस टैक्स वसूली की कमी के कारण सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्य बजट में कटौती हो रही है।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि 1 दिसंबर 2020 से विस्तारित क्षेत्रों की व्यावसायिक संपत्तियों से हाउस टैक्स वसूली का प्रावधान था। लेकिन जांच में पाया गया कि कई संपत्तियों का कर निर्धारण नहीं हुआ।
नगर आयुक्त ने कहा कि जो राजस्व निरीक्षक और कर अधीक्षक अपनी जिम्मेदारियां निभाने में विफल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि कई अधिकारी फील्ड पर नहीं जाते थे और अपनी ड्यूटी में लापरवाही कर रहे थे।
भरवारा मल्हौर वार्ड:
लाइफ इंफोटेक
एमके फैब्रिकेटर
एमएमसी मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल
.इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन
.द संस्कृति स्कूल
.होटल सनराइस वैष्णवी
.शिमला रिसॉर्ट
शैल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग
.चटोरी रसोई
.रेडियंट पब्लिक स्कूल
.सूर्यांश पब्लिक स्कूल
नगर निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती तीन अरब रुपये की वसूली करना है, जो निर्धारित लक्ष्य से अभी भी पीछे है। नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार अब तक 3.16 लाख संपत्तियों से कर वसूला गया है।
गूगल अर्थ के माध्यम से उजागर हुए इस मामले ने नगर निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला यह भी दिखाता है कि कैसे तकनीक का उपयोग प्रशासनिक सुधार के लिए किया जा सकता है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के इस कदम की सराहना हो रही है।
Published on:
27 Dec 2024 06:14 pm
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