
Gold Jewellery File Photo
Tax on Gold Jewellery: सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। वैसे, अमूमन सोना खरीदना भारतीयों की पसंद रहा है। कई लोग इसमें निवेश भी करते हैं तो कुछ इसे बेच कर मोटी रकम कमाते हैं। लेकिन, सोना खरीदने से पहले यह जानना जरूरी है कि सोने को बेचते वक्त कितना टैक्स चुकाना पड़ता है। इस टैक्स का कैलकुलेशन कैसे होता है। आइये जानते हैं कि गोल्ड पर कैपिटल गेन टैक्स क्या है और कैसे इसकी बचत की जा सकती है।
गोल्ड ज्वैलरी पर कितना टैक्स
सबसे पहले जानते हैं कि गोल्ड ज्वैलरी पर कितना टैक्स देना होता है। सोने की कीमतें वजन और कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होती हैं। लेकिन, सोने की ज्वेलरी खरीदने पर इसकी कीमत और मेकिंग चार्ज पर 3 फीसदी का जीएसटी लग जाता है। इसके अलावा अगर आप सोने को बेचना चाहते हैं तो इस पर टैक्स लगता है। बेचते वक्त यह देखा जाता है कि ज्वेलरी आपके पास कितने वक्त से है क्योंकि उस अवधि के हिसाब से उस पर टैक्स लागू होगा। सोने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन चुकाना होगा।
लॉन्ग टर्म गेन पर 20 फीसदी टैक्स
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTGC)पर टैक्स की दर 20.80 फीसदी है। बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 4 फीसदी सेस है। टैक्स की दर में सेस शामिल है। हालांकि, उससे पहले तक सोना बेचने पर 20.60 फीसदी एलटीजीसी लगता था।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन
सोने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG)टैक्स तब लगेगा जब खरीद की तारीख से 3 साल के अंदर आप ज्वेलरी बेचते हैं। एसटीसीजी के नियम के मुताबिक टैक्स चुकाना होगा। ज्वेलरी बेचने पर आपकी जितनी कमाई हुई है उस कमाई पर इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स कटेगा।
Published on:
09 May 2022 07:19 pm
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