कपिल मोहन और ओल्ड मॉन्क से जुड़े फैक्ट्स
लखनऊ. मशहूर इंडियन रम ब्रांड ओल्ड मॉन्क को बनाने वाले कपिल मोहन का निधन हो गया है। ख़बरों की माने तो उनका निधन हार्ट अटैक से 6 जनवरी को हुआ है। उनकी उम्र 88 वर्ष थी। उनकी कंपनी रम के अलावा और भी कई ड्रिंक्स बनाती है। पहली ओल्ड मॉन्क 19 दिसम्बर 1954 को टेस्ट की गई थी। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाज़ा गया था। ओल्ड मॉन्क का टेस्ट देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी लोगों को बाहने लगा। लेकिन ओल्ड मॉन्क की सेल और मोहन को पहला झटका लगा लखनऊ में एक अपने के चलते।
उनके जीवन में कई उतार चढ़ाव भी आए। चलिए आपको बताते हैं उनसे जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स -
- कपिल मोहन इंडियन आर्मी में अपनी सेवाएं दें चुके हैं। वे ब्रिगेडियर पद से रिटायर हुए।
- कपिल मोहन ने वर्ष 1966 से पहले ट्रेड लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख थे। उन्होंने अपने भाई वीआर मोहन की मौत के बाद डायर मीकिन ब्रेवरीज कंपनी की कमान संभाली।
- इनके पिता एमएन मोहन भी शराब कारोबारी ही थे। उनका सफर 1885 में शुरू हुआ। अंग्रेज अधिकारी जनरल डायर के पिता ने हिमाचल के चमौली में शराब कंपनी खोली। आजादी के बाद यह कंपनी कपिल मोहन के पिता एएन मोहन ने खरीदी और यहीं से शुरू हुआ था मोहन मैनिक लिमिटेड का सफर।
- सन 2000 में ओल्ड मॉन्क दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली डार्क रम थी। लेकिन इतनी कामयाबी के बाद भी कपिल को झटका लगा। उनके भाई वीआर मोहन के बेटे और कपिल मोहन के भतीजे राकेश मोहन ने परिवार से अलग होते हुए कंपनी की लखनऊ स्थित फेसिलिटी पॉन्टी चड्ढा को बेच दिया। इसके बाद ओल्ड मंक की सेल में गिरावट दर्ज होने लगी।
- एक वक्त था जब इसकी हर रोज करीब 80 लाख बोतलें बिकती थी। लेकिन 2015 के दौरान एक वक्त ऐसा आया जब मार्किट में अफवाह उड़ी की ओल्ड मॉन्क ब्रांड अब बाजार में नहीं आएगा। इसके बाद कपिल मोहन ने खुद सामने आकर साफ किया यह ब्रांड उनके बीच बना रहेगा। हालाँकि तब कुछ लोग इसे मार्केटिंग स्टंट भी मान रहे थे।
-कपिल मोहन ने 2012 के बाद से ओल्ड मॉन्क के प्रचार को बंद कर दिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने ये साफ़ किया था कि वे इसलिए विज्ञापन नहीं करेंगे क्यूंकि वे चाहते हैं कि लोग इसे पिएं और खुद बताएं यह कैसी है।