Lawrence Bishnoi: तीन दिन पहले ही एनआईए ने उत्तर प्रदेश के छह जिलों में एक साथ छापेमारी किया था। लारेंस विश्रोई को लेकर अयोध्या, लखीमपुर, बागपत और मेरठ में हुई छानबीन में चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।
लारेंस विश्रोई को लेकर यूपी के छह जिलों समेत 9 राज्यों में छापेमारी की कार्रवाई की गई थी, जिसमें उसके संभावित 324 ठीकानों को खंगाला गया। पंजाब के लारेंस विश्रोई गैंग और पूर्वी यूपी कनेक्शन को लेकर चौकाने वाले खुलासे एनआईए ने किए हैं। लारेंस विश्रोई गैंग का जाल हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित दिल्ली और यूपी तक फैला हुआ है। यूपी में उसने दबंगों और माफियाओं के बीच अपनी पैठ बना लिया था।
विश्रोई और उसके गुर्गे हथियारों की सप्लाई से लेकर सुपारी किलिंग और दुश्मनों को निपटाने में इन ठीकानों का प्रयोग करते थे। गत दिनों एनआईए ने अयोध्या, लखनऊ, लखीमपुर, बागपत, सुल्तानपुर, अमेठी और मेरठ में एक साथ छापेमारी किया था।
अयोध्या से विकास सिंह और लखीमपुर से गुरमीत ने किए बड़े खुलासे
अयोध्या से विकास सिंह के यहां छापेमारी की गई थी, जिसकी तलाश में एनआईए ने लखनऊ में भी छापा मारा था। बताया जाता है कि विकास के बाहुबलियों से करीबी रिश्ते हैं। पिछले 9 मई को मोहाली पंजाब में इंटेलिजेंस मुख्यालय में हुए आरपीजी हमले के बाद जांच में लारेंस का अयोध्या कनेक्शन सामने आया था।
इस मामले में दो आरोपियो को अयोध्या और सुल्तानपुर में शरण देने की बात का भी खुलासा हुआ था। इस मामले में अयोध्या का एक आरोपी नाबालिग है जिसे दिल्ली पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया था। जबकि दूसरे आरोपी दीपक रंगा को नेपाल बार्डर से गिरफ्तार किया गया था।
एमएलए की करना चाहते थे हत्या
पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान लारेंस विश्नोई गैंग के गूर्गे अयोध्या में डेरा डाले थे और वह एक बाहुबली विधायक की हत्या करना चाहते थे। इसमें लारेंस का भतीजा सचिन विश्रोई और मूसे वाला हत्याकांड में शामिल कपिल पंडित और कुछ अन्य सदस्य थे।
इस दौरान अयोध्या के ही एक लोकल नेता और हिस्ट्रीशीटर का पूरा सहयोग इन लोगों को मिल रहा था। लखनऊ में पिछले दिनों हुए मुख्तार गैंग के करीबी अजीत सिंह की हत्या में भी विश्रोई गैंग का नाम सामने आ रहा है। यह भी संदेह प्रगट किया जा रहा है कि प्रयाग में माफिया अतीक अहमद की हत्या में भी लारेंस गिरोह जुड़ा हो सकता है क्यों कि जिगाना पिस्टल लारेंस विश्नोई गैंग का टे्रड मार्क है।
बुलंदशहर और सहारनपुर से हुई गिरफ्तारियां
यूपी के छह जिलों में हुई छापेमारी के पहले ही एनआईए ने बुलंदशहर के खुर्जा से मोहम्मद शहबाज अंसारी को गिरफ्तार किया था। इस पर आरोप था कि यह पाकिस्तान और नेपाल के रास्ते हथियार लाकर लारेंस गैंग को बेचता था। इसके दिए गए हथियारों से ही पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई है। इसके अलावा कुरबान और उसके भाई रिहान को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
दूसरी तरफ सहारनपुर में इनामी गैंगेस्टर संदीप उर्फ काला पढेरी से लारेंस गैंग के करीबी रिश्ते की बात सामने आई है। उसको सहारनपुर से लेडी डॉन अनुराधा उर्फ मैडम सिंह उर्फ रिवाल्वर रानी के साथ एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
इसी तरह मेरठ में सनी काकरान, अतुल जाट के भी लारेंस गैंग से जुड़े होने की बात सामने आई है। प्रयागराज में माफिया अतीक की हत्या में प्रयुक्त हथियार लारेंस गैंग के दीपक बाक्सर ने उपलब्ध कराई थी, जिसका नाम हाल ही में तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया के मर्डर में सामने आया है।
यूपी में छह जिलों में पड़ा था छापा
देश विरोधी खालिस्तान समर्थकों के तार उत्तर प्रदेश और खासकर पूर्वी यूपी से कैसे जुड़े यह परेशान करने वाली बात है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लारेंस विश्रोई गिरोह के खिलाफ चल रही अपनी छानबीन में अयोध्या समेत उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में एक साथ छापेमारी किया। इन जिलों से खालिस्तान समर्थकों कुख्यात लारेंस विश्रोई गैंग के तार जुड़े होने की सूचना एनआईए को मिली है।
गिरोह के करीबी होने के संदेह पर अयोध्या के विकास सिंह देवगढ से भी एनआईए ने पूछताछ किया। विकास की तलाश में एनआईए की टीम ने पहले लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार के पार्क व्यू अपार्टमेंट में छापा मारा लेकिन वह वहां पर नहीं मिला जिसके बाद टीम अयोध्या की तरफ रवाना हो गई। इसके पहले भी अयोध्या के एक युवक को एनआईए ने गिरफ्तार किया था, जिसके संबंध लारेंस विश्रोई गिरोह से बताए जाते हैं।
एनआईए टीम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अयोध्या का विकास सिंह लारेंस विश्नोई गैंग के शूटरों को शरण देने का काम करता था। पुलिस और सुरक्षा एजेसिंयो से बचाने में विकास सिंह की बड़ी भूमिका सामने आ रही है।
वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल
एनआईए की टीम लखीमपुर जिले के तिकुनिया जसनगर में गुरमीत सिंह के घर भी पहुंची थी। बताया जाता है कि गुरमीत के रिश्ते वारिस पंजाब दे के अमृतपाल से हैं। अमृतपाल अलग खालिस्तान की मांग करने वालों का बड़ा नेता माना जाता है। लखीमपुर में एनआईए को करोड़ों रुपए मनी लॉड्रिंग जुड़े मामलों का सुराग मिला। इसके बाद टीम ने गुरमीत के आधार कार्ड, बैंक डिटेल, फोन नंबर, पैन कार्ड आदि को अपने कब्जे में ले लिया गया।
लखीमपुर निवासी ने भेजे करोड़ों रुपए खालिस्तानी नेता को
लखीमपुर के गुरमीत के दो बेटे फिलीपींस में रहते हैं। एनआईए को सूचना मिली है कि गुरमीत के दोनों बेटों ने वारिस पंजाब दे के खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के खाते में करोड़ों रुपए भेजे हैं। जिसमें से कुछ रकम गुरमीत के खाते में भी भेजी गई थी। देश विरोधी और देश तोडऩे वाले खालिस्तान आंदोलन की देशी-विदेशी फंडिंग को लेकर एनआईए चौकन्ना है और इसकी जांच कर रही है।