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मिसाल : किसी ने सब्र और किसी ने दृढ़ इच्छाशक्ति से कोरोना को हराया

locationलखनऊPublished: May 06, 2021 10:43:18 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

Corona virus Precedent – कुछ लोग हौसले और सब्र से कोरोना लड़ाई को जीत कर बन रहे हैं मिसाल – यह दो दास्तां, कोरोना की इस लड़ाई में बढ़ा देंगे आपकी हिम्मत और जोश
 

मिसाल : किसी ने सब्र और किसी ने दृढ़ इच्छाशक्ति से कोरोना को हराया

मिसाल : किसी ने सब्र और किसी ने दृढ़ इच्छाशक्ति से कोरोना को हराया

लखनऊ. Corona virus Precedent : यूपी में कोरोनावायरस का शिकंजा कसता जा रहा है। जनता दहशत में है। कईयों के दिल में दर्द भरा हुआ है। ढेर सारे लोगों की आंखें छलक रही हैं। डर है कि अब कोई बुरी खबर न आए। इसी माहौल में कुछ लोग हौसले और सब्र से इस लड़ाई को जीत का लोगों के लिए मिसाल बन रहे हैं। यह दो दास्तां कोरोना की इस लड़ाई में आपकी हिम्मत और जोश को बढ़ा देंगे। एक सब्र तो एक दृढ़ इच्छाशक्ति का उदाहरण है। कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल में जगह न मिलने पर लखीमपुर के भाई-बहन अपनी मां के लिए अपनी कार को कोरोनावार्ड शक्ल दे दी और ठीक होने का इंतजार करने लगे। वहीं लखनऊ में एक परिवार कोरोनावायरस पाजिटिव हो गया। पर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, अनुशासित जीवनशैली, सकारात्मक सोच की वजह से इन सब ने कोरोना को हरा दिया।
कोरोना की मार, नौकरी गई मजबूरी में करने लगा चोरी

सब्र से जीती कोरोना की जंग :- लखीमपुर खीरी से मां के इलाज के लिए लखनऊ आए भाई बहन ने अपनी कार को कोरोनावार्ड की शक्ल दे दी। मां को कोरोना का इलाज और डायलिसिस की जरूरत थी। अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा था। तब 5 दिन तक अपने कोरोना वार्ड में उनका ध्यान रखा। उसके बाद अस्पताल में बेड मिला जहां और 5 दिन में मां की सेहत में सुधार हुआ। इस बीच दोनों ने सब्र के साथ अस्पताल की पार्किंग में 10 दिन बिताए। भाई को भी कोविड-19 हो गया पर वह ठीक हो गया।
कई रोड़े आए पर हम डटे रहे :- 20 अप्रैल को पायल (25 वर्ष ) और भाई आकाश (23 वर्ष) लखीमपुर खीरी से अपनी मां को डायलिसिस के लिए लखनऊ लेकर आए थे सोचा डायलिसिस के बाद शाम तक घर लौट जाएंगे पर मां को तेज बुखार आ गया तो जांच कराया तो काफी पॉजिटिव निकला। और फिर शुरू हुई उनकी सब्र की कहानी।
दूसरी कहानी :- आखिरकार सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई

कहानी लखनऊ के इंदिरानगर में रहने वाले एक परिवार स्वराज चंद जैन (75 वर्ष ) की है। परिवार में पत्नी नीलम, बेटी, बहू, पोता, पोती सब हैं। पर एक दिन अचानक समय ठीक नहीं था। कोरोना जांच रिपोर्ट आई। जिसमें सभी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए। सबके होशफाख्ता हो गए पर सब ने हिम्मत और हौसले का परिचय देते हुए होम आइसोलेशन को चुना। स्वराज चंद जैन ने कहा कि, लोग संक्रमित होने के बाद घबराने लगते हैं जबकि जरूरत हिम्मत और समझदारी की होती है। स्वस्थ खान-पान, योग, जीवन शैली में बदलाव लाने की होती है। हमने दृढ़ इच्छाशक्ति से कोरोना की जंग जीत ली। स्वराज चंद जैन ने कहाकि, गर्म पानी का प्रयोग, गरारा, हल्दी वाला दूध और दवाइयों के साथ पूरा पूरे परिवार ने अनुशासन का परिचय दिया। नकारात्मकता से पूरी तरह दूरी बना लिया और सकारात्मक रहने का फैसला किया। आखिरकार हम सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई।
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