World Heritage Day 2021 : ये तीन ही नहीं ढेर सारी विरासतें हैं यूपी में देश-दुनिया के पर्यटकों का खींचते हैं ध्यान विश्व धरोहर दिवस 2021 की थीम Complex Pasts : Diverse Futures
World Heritage Day 2021 : वर्ल्ड हेरिटेज में नहीं कोई बात नहीं, पर इन तीनों के अलावा भी यूपी की दीवानी है दुनिया
लखनऊ. प्राचीन इमारतें, प्राचीन सभ्यताएं प्राचीन संस्कृति और प्राकृतिक विरासतों को आने वाली पीढ़ियों से उसको परिचित कराने के लिए उसे संजो कर रखना जरूरी हो जाता है। इसी को अपना मुख्य उद्देश्य बनाकर 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है। इस वर्ष के विश्व धरोहर दिवस 2021 की थीम ‘Complex Pasts : Diverse Futures है। विश्व धरोहर दिवस, विश्व विरासत दिवस और World Heritage Day इन्हें किसी भी नाम से पुकारा सकते हैं। आज से करीब चालीस साल पहले वर्ष 1984 में यूनेस्को (UNESCO) ने विरासत या धरोहर को बचाने के लिए प्रतिवर्ष 18 अप्रैल 2021 के दिन को विश्व धरोहर दिवस पूरी दुनिया में मनाने की नींव डाली।
यूपी के तीन :- विश्व में तमाम ऐसी विरासत है जो आपका मन मोह लेती हैं। और सोचने पर विवश करती हैं कि यह कैसे संभव हुआ। पर हजारों विरासत ऐसी हैं, जिन्हें विश्व विरासत स्थल की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। यूपी में इसकी एक लम्बी लिस्ट है। वैसे भारत के 32 स्थलों को यह सम्मान मिला है। विश्व विरासत स्थल की सूची में भारत के 25 सांस्कृतिक स्थल हैं और 7 प्राकृतिक स्थल शामिल हैं। विश्व विरासत स्थल में यूपी के तीन प्रमुख स्थलों आगरा किला (वर्ष 1983), ताजमहल (वर्ष 1983) और फतेहपुरी सीकरी (वर्ष 1986) शामिल किए गए हैं।
भारतीय संविधान ने दी सुरक्षा :- भारतीय संविधान ने भी अपने अंदर धरोहरों को संभालने की व्यवस्था की है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51 के अनुसार ‘यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि यह अपनी समृद्ध मिश्रित सांस्कृतिक विरासत का सम्मान और संरक्षण करें।
आदाब लखनऊ :- यूपी में कई ऐसे स्थल हैं, जो अद्भुत है। पर विश्व विरासत स्थल की सूची में अभी तक अपनी जगह नहीं बना सके हैं। अब यदि राजधानी लखनऊ के इमामबाड़े की बात करें तो कमाल की करीगरी है। जो भी इसके निर्माण की कहानी सुनता है तो आश्चर्य चकित हो जाता है। और जो पर्यटक इसे देखने आते हैं इसकी भूल भुलैया में गुम हो कर खिलखिलाते है। इसकी इंजीनियरिंग, तकनीक कमाल है।
अद्भत वाराणसी :- वाराणसी धार्मिक पर्यटकों के बीच दुनिया का एक बड़ा और आश्चर्यचकित करने वाला शहर। वाराणसी के पग पग को संजोने की जरूरत है। इस शहर की सभ्यता, संस्कृति, खान—पान सभी आकर्षण का एक बड़ा केंद्र हैं। वाराणसी के गंगा घाट, उनकी आरती कमाल है। वाराणसी शहर अपने शिव मंदिरों, घुमावदार गलियों और विचित्र वेशभूषा पहने हुए साधुओं के लिए जाना जाता हैं। यह दुनिया के सबसे पुराने आबाद स्थानों में से एक है।
सारनाथ के स्तूप :- सारनाथ भारत में एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल के रूप में जाना जाता हैं और यह बुद्ध के पहले उपदेश के प्रचार का स्थान भी हैं। सारनाथ में सम्राट अशोक ने ढेर सारे स्तूप और मठ बनाए। माना जाता है कि 12 शताब्दी में सारनाथ का अस्तित्व समाप्त हो गया था लेकिन 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश पुरातत्वविदों ने इसे फिर से बसाया। सारनाथ स्तूप और मठ अतुलनीय हैं।
शानदार श्रावस्ती :- श्रावस्ती वह स्थान है जहां बुद्ध ने वो चमत्कार किए थे जिनकी चर्चा सबसे ज़्यादा होती है। श्रावस्ती में जेतवन मठ के अवशेष मौजूद हैं। इनमें बौद्ध इतिहास के कुछ सबसे महत्वपूर्ण ढांचे हैं। जेतवन में एक झोंपड़ी का भी अवशेष है जहां बुद्ध ने वर्षा के 20 से ज़्यादा मौसम गुज़ारे थे। यहां एक स्तूप में उनके दो महान शिष्यों अनन्तपिण्डक और अंगुलिमाल की अस्थियां हैं। इसके साथ ही यूपी के 75 जिलों में कमाल की वस्तुएं हैं जो इंतजार कर रहीं हैं अपने संरक्षण का।