
Mahogany Farming Can Give You Better Return Know About its Benefits
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं। इस देश की लगभग 58 प्रतिशत जनता कृषि आधारित काम पर निर्भर है। मगर अब इस क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। अगर गौर किया जाए, कृषि से जुड़े क्षेत्रों में ही अच्छा व्यापार कर कुछ ही सालों में करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं। हालांकि, इसमें धैर्य की जरूरत है। हम बात कर रहे हैं महोगनी की खेती (Mahogany Farming) के बारे में बात कर रहे हैं। महोगनी की लकड़ी बहुत ही मजबूत और लंबे समय तक इस्तेमाल में लाई जाने वाली लकड़ी होती है। इसकी लकड़ियां अमूमन लाल और भरे रंग की होती है। इसकी खेती के बारे में बात करें तो यह किसी भी मौसम और जमीन में आसानी से बढ़ सकता है। यह पेड़ 50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहने की क्षमता रखता है। जल न भी हो तब भी यह लगातार बढ़ता ही जाता है।
महोगनी से मोटी कमाई
महोगनी का पेड़ लगाकर करोड़पति बन सकते हैं। अगर एक एकड़ जमीन में महोगनी के 100 से ज्यादा पेड़ लगाते हैं, तो आप 12 साल में करोड़पति बन सकते हैं। एक बीघा में इसे लगाने की लागत 40-50 हजार रुपये आती है। महोगनी का एक पेड़ 20-30 हजार रुपये में बिकता है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपने खेत में महोगनी की खेती कर करोड़ों रुपये कमा सकता है। इसके बीज और पत्तियां भी अच्छी कीमत पर बिकते हैं।
कहां से खरीदें महोगनी के पौधे
महोगनी न सिर्फ कीमत में ज्यादा है बल्कि इस पेड़ में औषधीय गुण भी हैं और इसकी लकड़ी कई मायनों में गुणों से भरपूर है। महोगनी के पौधे किसी भी पंजीकृत सरकारी कंपनी से खरीदी जा सकती है। इसके अलावा इसके पौधों को नर्सरी में भी तैयार किया जाता है। इसके पौधे को तैयार करने में ज्यादा समय और मेहनत लगती है इसलिए इस पौधे को खरीद कर ही लगाएं। पौधा खरीदते वक्त यह जरूर ध्यान दें कि पौधा दो से तीन साल पुराना हो और विकसित हो चुका हो। महोगनी के पौधे को जून-जुलाई के माह में लगाना सही रहता है।
कैंसर मरीजों के लिए लाभकारी है महोगनी के पत्ते
महोगनी के पत्तों का उपयोग कैंसर, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए कारगर होता है। इसके अलावा इसके पत्तियों और बीज के तेल का इस्तेमाल मच्छर मारने वाली दवाइयों और कीटनाशक को बनाने में किया जाता है। वहीं, महोगनी की लकड़ी बंदूक का कोंदा और फर्नीचर बनाने के काम आती है। मेडिकल के लिए भी यह काफी बेशकीमती माना जाता है।
Published on:
28 Feb 2022 12:48 am
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