
सीएम योगी ने हिंदू समुदाय के अनुशासन का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रयागराज में हुए कुंभ मेले के दौरान 66 करोड़ श्रद्धालु आए लेकिन कहीं भी कोई हिंसा, आगजनी, छेड़छाड़, अपहरण या तोड़फोड़ की घटना नहीं हुई। सभी भक्त आस्था के साथ आए, स्नान किया और फिर शांति से अपने गंतव्य को लौट गए। इसे ही धार्मिक अनुशासन कहा जाता है।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि पर्व-त्योहार और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों को अनुशासनहीनता और अराजकता का माध्यम नहीं बनाना चाहिए। यदि किसी को कोई सुविधा चाहिए तो उसे नियमों का पालन करना सीखना होगा। उन्होंने कांवड़ यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि यह यात्रा हरिद्वार से गाजियाबाद समेत कई स्थानों तक जाती है और स्वाभाविक रूप से सड़क पर ही निकाली जाती है। लेकिन क्या कभी परंपरागत मुस्लिम जुलूस, जैसे मोहर्रम के ताजिए को रोका गया है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सिर्फ यह अनुरोध किया कि ताजिए के आकार को थोड़ा छोटा कर लिया जाए, ताकि ऊंचे बिजली के तारों की चपेट में आकर कोई हादसा न हो। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से यह एक ज़रूरी कदम है क्योंकि लापरवाही के कारण दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि कानून सभी के लिए समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान भी डीजे की ध्वनि को नियंत्रित करने के निर्देश दिए जाते हैं ताकि किसी को असुविधा न हो। इसी तरह, ईद के मौके पर यदि कोई सड़क पर प्रदर्शन करके घंटों तक रास्ता जाम करता है तो यह सही नहीं है। नमाज अदा करने के लिए ईदगाह और मस्जिद जैसे स्थान हैं, लेकिन सार्वजनिक सड़कों का उपयोग इसके लिए नहीं किया जाना चाहिए।
Published on:
01 Apr 2025 07:39 pm
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