scriptHeart Attack: अस्पताल में ‘वसूली’ का पर्दाफाश! मौत का डर दिखाकर मांगे आठ लाख, 125 रुपये में ऐसे बची जान | Medanta Hospital gas patient was declared heart attack and demanded 8 lakh rupees Complaint CM Yogi in Lucknow | Patrika News
लखनऊ

Heart Attack: अस्पताल में ‘वसूली’ का पर्दाफाश! मौत का डर दिखाकर मांगे आठ लाख, 125 रुपये में ऐसे बची जान

Heart Attack: यूपी की राजधानी लखनऊ के एक नामी अस्पताल में मरीज को वाल्व खराब होने से मौत का डर दिखाया गया। इलाज के बदले 8 लाख रुपये मांगे गए। जबकि दूसरे अस्पताल में उसी मरीज का मात्र 125 रुपये में इलाज कर दिया गया।

लखनऊJun 07, 2024 / 07:07 pm

Vishnu Bajpai

Heart Attack: अस्पताल में 'वसूली' का पर्दाफाश! मौत का डर दिखाकर मांगे आठ लाख, 125 रुपये में ऐसे बची जान

Heart Attack: अस्पताल में ‘वसूली’ का पर्दाफाश! मौत का डर दिखाकर मांगे आठ लाख, 125 रुपये में ऐसे बची जान (प्रतीकात्मक फोटो)

Heart Attack: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसमें एक नामी अस्पताल पर मरीज को मौत का डर दिखाकर 8 लाख वसूलने का आरोप लगा है। मरीज के परिजनों ने सीएम को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। परिजनों का आरोप है कि शहर के एक नामी अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज का वॉल्व खराब बताकर उन्हें डरा दिया। इसके साथ ही आधे घंटे में मरीज की मौत होने का दावा किया। इससे परिजन घबरा गए। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उनसे 8 लाख रुपये जमा करने को कहा। परिजनों ने इसमें असमर्थता जताई और दूसरे अस्पताल ले जाने लगे तो भड़के डॉक्टर और स्टाफ ने उनके साथ अभद्रता भी की।

दूसरे अस्पताल में मरीज का 125 रुपये में हो गया इलाज

सीएम योगी को लिखे पत्र में मरीज के परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने शहर के नामी अस्पताल में इलाज करवाने में असमर्थता जताई तो उनसे अभद्रता की गई। बड़ी मुश्किल से मरीज को छोड़ा गया। तीमारदार ने मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत करते हुए अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
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दूसरी ओर, जिस मरीज की नामी अस्पताल में जान को खतरा बताकर परिजनों से इलाज के लिए आठ लाख रुपये मांगे गए। उसे दूसरे निजी अस्पताल ने मात्र 125 रुपये की दवा देकर ठीक कर दिया। मरीज को गैस की समस्या थी। जबकि शहर के बड़े नामी अस्पताल के डॉक्टर मरीज के वॉल्व बदलने की बात कर रहे थे।

सीएम योगी को लिखे पत्र में परिजनों ने क्या बताया?

लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी निवासी मोहन स्वरूप भारद्वाज ने सीएम योगी को शिकायती पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने बताया “निवेदन यह है कि मैं पेशेंट मोहन स्वरूप भारद्वाज उम्र 45 साल, 23 मई को लगभग शाम साढ़े चार बजे घर में चक्कर आने से गिर गया। इस दौरान मेरे शरीर से पसीना निकलने लगा। आनन फानन में मेरे भाई और पत्नी मुझे लेकर मेदांता अस्पताल पहुंचे। जहां डॉ. महिम सरन (कार्डियोलॉजी) और डॉ. अवनीश (कार्डियोलॉजी) ने मेरी एंजियोग्राफी के साथ अन्य जांचें कराईं। जांच होने के बाद मेरे भाई और मेरी पत्नी से आठ लाख रुपये की डिमांड की। इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि पेशेंट के हार्ट में छल्ला पड़ेगा। तीस मिनट के अंदर रुपये की व्यवस्‍था नहीं हुई तो ये मर जाएंगे।”
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मोहन स्वरूप भारद्वाज ने आगे लिखा है “मेरे भाई और पत्नी ने रुपये की व्यवस्‍था नहीं होने की बात कही। इसके साथ ही दो लाख रुपये जमा करने को कहा। इसी बीच मेरे मित्र मनोज कुमार आ गए। उन्होंने कहा कि मुझे हार्ट की समस्या नहीं है। मेरे पेट में गैस बनी है। वह मुझे ग्लोब अस्पताल ले जाने लगे। इसपर मेरे भाई और पत्नी ने मुझे वहां से डिस्चार्ज कराने की बात कही। इसपर उपरोक्त दोनों डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने उनके साथ अभद्रता शुरू कर दी। गाली-गलौच की। किसी तरह मेरे भाई और पत्नी ने मुझे वहां से डिस्चार्ज कराया। इसके बाद रात में ही मुझे ग्लोब अस्पताल में डॉ. दीपक अग्रवाल के पास पहुंचाया गया। जहां मात्र 125 रुपये की दवा से मैं ठीक हो गया। दो घंटे बाद ही मुझे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मैं सुबह पांच बजे अपने घर पहुंच गया। यदि मेदांता में मुझे छल्ला पड़ जाता तो मेरी जिंदगी खराब हो जाती।

अब पढ़िए मेदांता अस्पताल के अधीक्षक ने क्या कहा?

मेदांता हॉस्पिटल के अधीक्षक के मुताबिक मरीज ओपीडी में चेस्ट दर्द के साथ आए थे। जांच में उनके खून में ट्रोपोनिन आई की मात्रा ज्यादा मिली। पता चला कि उन्हें हार्ट की प्रॉब्लम है। ईसीजी में हार्ट में ब्लाकेज के संकेत मिले। एंजियोग्राफी में पता चला कि एक नाड़ी में सौ और दूसरी में 80 प्रतिशत ब्लॉकेज है। एंजिप्लास्टी का सुझाव दिया गया, जिसके लिए मरीज और उनकी पत्नी तैयार नहीं थे। हॉस्पिटल से जाते वक्त सारी जांच रिपोर्ट दे दी गई, जिसके रिकॉर्ड हॉस्पिटल में हैं। मरीज से कोई अनुचित व्यवहार या अभद्रता नहीं की गई। हमने तो त्वरित इलाज दिया। बहरहाल सीएम के संयुक्त सचिव अजय कुमार ओझा ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को उचित कार्रवाई का आदेश दिया है।

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