उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और कौमी एकता दल (कौएद)
के विलय को लेकर एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। विधान भवन में
एक कार्यक्रम के दौरान मुलायम सिंह यादव और मुख्तार अंसारी की मुलाकात
राजनीतिक गलियारों में चर्चा की विषय बनी रही कि मुख्तार अंसारी की कौमी
एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में हो गया। हालांकि देर रात कौमी एकता दल
के विधायक व मुख्तार अंसारी के भाई सिगबतुल्ला अंसारी ने विलय या गठबंधन
की किसी भी खबर को अफवाह करार दिया। टेलीफोन पर हुई बातचीत में उन्होंने
बताया कि कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है
और वह दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी गैर मौजूदगी में कौमी
एकता दल किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं ले सकती। उन्होंने कहा कि मुख्तार
अंसारी और नेता जी की मुलाकात सामान्य थी, इस मुलाकात में कौमी एकता दल का
सपा में विलय या गठबंधन की कोई बात नहीं हुई।
कौमी एकता दल का 21
जून को समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव ने विलय कराया था जो कि रद्द हो
गया था। हालांकि, उस समय पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी सपा में
शामिल नहीं हुए थे। उस समय कहा गया था कि अखिलेश यादव इस विलय के पक्ष में
नहीं थे। कौमी एकता दल के सपा में विलय के बाद मुलायम सिह यादव के परिवार
में विवाद भी हो गया था। इस फैसले से नाराज अखिलेश यादव को मनाने के लिए
शिवपाल यादव उनके घर पहुंच गए थे। इसके बाद मुलायम भी बेटे अखिलेश के फैसले
से नाराज हो गए थे, लेकिन अखिलेश ने पार्टी इमेज को देखते हुए कौमी एकता
दल से किनारा कर लिया था और पार्टी ने विलय रद्द कर दिया था।
हालांकि
तब शिवपाल यादव ने कहा था कि पार्टी के विलय में केवल अफजाल अंसारी और
उनके भाई सिगबतुल्ला अंसारी को शामिल किया है न कि मुख्तार अंसारी को। सपा
और कौमी एकता दल के विलय पर उन्होंने कहा कि कौमी एकता दल मुख्तार की
पार्टी नहीं है। पार्टी के अध्यक्ष अफजाल अंसारी हैं। बाहुबली विधायक
मुख्तार अंसारी साल 1996 में मऊ सीट से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे।
साल 2००2 और 2००7 के विधानसभा चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर
जीत हासिल की। साल 2०12 के चुनाव के पूर्व मुख्तार ने कौमी एकता दल का गठन
किया। कौमी एकता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई पूर्व सांसद
अफजाल अंसारी हैं।