29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पीछे छूटी राजनीति की बातें, जब मुलायम सिंह यादव यूं मिले इस भाजपा सांसद से

राजनीति में दलों का एक-दूसरे पर हमला करना आम बात हैं, लेकिन इसके बाहर भी एक दुनिया है, जिसमें सभी एक दूसरे के हितैषी हैं।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Abhishek Gupta

Jul 21, 2019

Mulayam Singh

Mulayam Singh

लखनऊ. राजनीति में दलों का एक-दूसरे पर हमला करना आम बात हैं, लेकिन इसके बाहर भी एक दुनिया है, जिसमें सभी एक दूसरे के हितैषी हैं। कम से कम समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक व मैनपुरी से लोकसभा सांसद मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के लिए यह कहा जा सकता है। मुलायम सिंह यादव के व्यवहार से दूसरे दलों के राजनेता काफी प्रभावित हैं। भाजपा के भी कई दिग्गज उनका सम्मान हैं। पीएम मोदी (PM Modi), रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) व सीएम योगी (CM Yogi) से कई दफा उनकी शिष्टाचार भेंट भी हुई हैं। वहीं इस बार मौका था उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) का जिन्होंने संसद की दीवारों से बाहर निकलते ही सपा संरक्षक से मुलाकात की।

ये भी पढ़ें- सोनभद्र में सीएम योगी के ऐलान के बाद अब अखिलेश यादव ने किया ऐलान, करने जा रहे यह काम

गुरू शिष्य की तरह मिले दोनों-

19 जुलाई को संसद भवन के बाहर दोनों की मुलाकात हुई। दोनों इस दौरान गुरू-शिष्य की तरह मिलते नजर आए। मुलायम सिंह यादव अपनी गाड़ी में सवार थे और संसद से निकल ही रहे थे। तभी साक्षी महाराज उनकी गाड़ी के नजदीक पहुंचे। उन्हें देख मुलायम भी रुके। साक्षी ने झुक कर उनका हालचाल जाना। इस दौरान मुलायम ने मुस्कुराकर उनके कंधे पर अपना हाथ रखा तो साक्षी महाराज ने उनका हाथ थाम लिया। मुलायम ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कुछ ही सेकेंड बाद वह वहां से निकल गए।

ये भी पढ़ें- इस पार्टी के एमएलसी के बेटों की गुंडागर्दी आई सामने, खुलेआम व्यवसायी की ढहाई दीवार, दौड़ा-दौड़ा कर मारा

वैसे खराब स्वास्थ्य के बावजूद मुलायम सिंह यादव लोकसभा में हाजिरी दे रहे हैं। और इस बार तो उन्होंने किसानों को मिल रहे फायदों को लेकर भाजपा सरकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया था, जो काफी चर्चा का विषय बना रहा। उन्होंने कहा कि 65 फीसदी किसान गरीबी रेखा के नीचे हैं। क्या आप (भादपा) यह भूल गए हैं। यहां बताया जा रहा है कि किसान मालदार हो गए हैं। किसान आज भी सबसे ज्यादा गरीब हैं और सबसे ज्यादा मेहनत करता है। सारे धंधे फायदे के हैं और सारे किसान घाटे में हैं।

ये भी पढ़ें- इस चित्रकार ने शीला दीक्षित को दी अनोखी श्रद्धांजलि, छोटे से बादाम पर बनाई उनकी तस्वीर