
मुलायम से लेकर मायावती की बढ़ी मुसीबत, योगी सरकार कराने जा रही यह जांच, लिया बड़ा फैसला
लखनऊ.मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) से लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) को योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) से बड़ा झटका लगा है। सपा-बसपा शासनकाल (SP-BSP Government) में लोक निर्माण विभाग Public Work Department (पीडब्ल्यूडी PWD) में हुए 1000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच एसआईटी (Special Investigation Team) करेगी। शासन का पत्र मिलने के बाद एसआईटी (SIT) ने पीडब्ल्यू के प्रमुख सचिव से घोटाले से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। जांच की जद में वित्त वर्ष 2004-05 से 2012-13 के बीच पूर्वांचल के 13 जिलों की 137 परियोजनाएं हैं। सूत्रों की मानें तो मामला काफी पुराना होने के कारण वाराणसी अंचल और प्रयागराज अंचल को संबोधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें से चार मामलों में पूर्व में मुकदमा भी दर्ज किया गया था, जिसकी विवेचना भी एसआईटी (SIT) को सौंपी गई है।
घोटालों की होगी जांच
सूत्रों के मुताबिक वाराणसी (Varanasi) और इलाहाबाद (Allahabad) अंचल में 5 करोड़ से 150 करोड़ तक के निर्माण कार्यों में हुए घोटाले की जांच होगी। इसमें सोनभद्र (Sonbhadra) में जेल निर्माण, चंदौली (Chandauli) में प्राथमिक विद्यालय केंद्र, वाराणसी (Varanasi) में सामुदायिक केंद्र, भदोही (Bhadohi) में 100 बेड के अस्पताल और कोर्ट रूप में निर्माण में हुई धांधली शामिल है। इसके अलावा गाजीपुर, मऊ, बलिया, जौनपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़, प्रयागराज और श्रावस्ती जिले में पीडब्ल्यूडी की ओर से कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों में की गई धांधली भी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि इन जिलों में कराए गए कामों के एवज में लागत की अपेक्षा अधिक पैसों का भुगतान किया गया, इसके बाद भी काम निर्धारित समय में पूरा नहीं हुआ।
इनकी होगी जांच
एसआईटी (SIT) को सौंपी गई जांच में चार एफआईआर की विवेचना भी शामिल है जो वाराणसी अंचल के अलग-अलग जिलों में दर्ज है। यह मामले भी पीडब्ल्यूडी की ओर से कराए गए काम से संबंधित है। जिन चार मामलों की विवेचना एसआईटी को करनी है उसमें 25 नवंबर 2016 को चंदौली में दर्ज एफआईआर, 8 अगस्त 2015 और 9 अप्रैल 2019 को वाराणसी में दर्ज एफआईआर और 18 जनवरी 2017 को भदोही के ज्ञानपुर थाने में दर्ज एफआईआर शामिल हैं।
इन जिलों में होगी जांच
वाराणसी, भदोही, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, बलिया, जौनपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़, प्रयागराज और श्रावस्ती।
आरोप
काम के एवज में अधिक भुगतान, फिर भी काम तय समय में पूरा नहीं हुआ।
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Published on:
24 Jul 2019 11:11 am
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