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सह-खातेदारों के हिस्से भी खतौनी में जाएंगे दिखाए

लेखपाल संबंधित सह-खातेदारों और ग्राम राजस्व समिति की सलाह से खतौनी में हर सह-खातेदार का हिस्सा प्रारंभिक रूप से तय करेगा।

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Sujeet Verma

Apr 27, 2016

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लखनऊ.राजस्व संहिता के नए प्रावधानों को लागू करने के लिए राजस्व परिषद की ओर से सभी डीएम को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। इसके तहत अब खतौनी में सह-खातेदारों के हिस्से भी दर्शाये जाएंगे। नक्शे पर मिनजुमला खातों (एक ही प्लॉट/गाटे पर मिले-जुले खाते) का भौतिक विभाजन भी दर्शाया जाएगा। इससे कोई भी खातेदार प्लॉट पर किसी दूसरे के हिस्से को नहीं बेच सकेगा।

लेखपाल संबंधित सह-खातेदारों और ग्राम राजस्व समिति की सलाह से खतौनी में हर सह-खातेदार का हिस्सा प्रारंभिक रूप से तय करेगा। यदि जोत पैतृक है तो हर सह-खातेदार का हिस्सा राजस्व संहिता में दी गई उत्तराधिकार की विधि के अनुसार वंशवृक्ष के अनुरूप या यदि कोई पारिवारिक बंदोबस्त हो, तो उसके आधार पर तय किया जाएगा।

यदि सह-खातेदारों के नाम भूमि अर्जन या वसीयत के आधार पर दर्ज किये गए हैं तो हिस्सा संबंधित विलेख की विषय वस्तु के आधार पर तय किया जाएगा। यदि किसी सक्षम न्यायालय ने हिस्सा तय किया है तो उसे अदालत के आदेश के अनुसार दर्ज किया जाएगा। हिस्से के प्रारंभिक निर्धारण के बाद हर सह-खातेदार को नोटिस जारी की जाएगी जिसमें प्रत्येक सह-खातेदार का अलग-अलग हिस्सा दर्शाया जाएगा।

नोटिस तामील होने की तारीख से 15 दिन की अवधि में सह-खातेदारों से आपत्ति मांगी जाएगी। राजस्व निरीक्षक ग्राम राजस्व समिति की मदद से पक्षों के बीच सुलह के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण करेंगे। अनिस्तारित आपत्तियां उप जिलाधिकारी को भेजी जाएंगी जिनकी सुनवाई कर वह मामले को तय करेंगे। राजस्व निरीक्षक या उप जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश के आधार पर हर सह-खातेदार का हिस्सा खतौनी में दर्ज किया जाएगा।

राजस्व परिषद की ओर से आदेश मिलने पर कलेक्टर हर गांव के लिए मिनजुमला भूखंडों की एक विभाजन स्कीम तैयार कराएंगे। लेखपाल संबंधित खातेदारों और भूमि प्रबंधक समिति के परामर्श से मिनजुमला खातों की प्रारंभिक विभाजन स्कीम तैयार करेंगे जिसमें हर खातेदार को एक जगह हिस्सा आवंटित किया जाएगा। जहां तक हो सके किसी भी खातेदार को सभी निम्न श्रेणी या सभी उच्च श्रेणी की भूमि आवंटित नहीं की जाएगी। यदि खातेदार आपसी विभाजन के आधार पर मौके पर अलग-अलग हिस्से पर काबिज हैं, तो उन्हें कब्जे के आधार पर हिस्सा आवंटित किया जाएगा।

प्रत्येक खातेदार को यथासंभव उस स्थान पर क्षेत्रफल आवंटित किया जाएगा जहां उसके सिंचाई का वैयक्तिक स्नोत हो। यदि भूखंड या उसका कोई हिस्सा वाणिज्यिक मूल्य का है या सड़क, आबादी या वाणिज्यिक मूल्य की किसी दूसरी जमीन से लगा हुआ है तो उस हिस्से को आनुपातिक रूप से प्रत्येक खातेदार को आवंटित किया जाएगा।

लेखपाल एक मानचित्र तैयार करेगा और उसे अभिलेख पर रखेगा जिसमें प्रत्येक खातेदार को आवंटित क्षेत्रफल को अलग-अलग रंगों में दर्शाया जाएगा। मिनजुमला गाटों की प्रारंभिक विभाजन स्कीम तैयार होने के बाद खातेदार को नोटिस भेजकर उसके तामील होने की तारीख से 15 दिनों में आपत्ति मांगेंगे। राजस्व निरीक्षक ग्राम राजस्व समिति के परामर्श से पक्षों के बीच सुलह के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण करेगा। अनिस्तारित आपत्तियां एसडीएम के माध्यम से प्रारंभिक विभाजन स्कीम सहित कलेक्टर को भेज दी जाएंगी। कलेक्टर पक्षकारों को सुनने के बाद मामले को तय करेगा।

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