कृषि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन को अब काफी वक्त हो गया है। अब तक किसानों का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक चल रहा था। लेकिन गांधी जयंती के अगले दिन जो प्रकरण हुआ, उसने किसान आंदोलन को रक्तरंजित करते हुए हिंसक रूप दे दिया। उत्तर प्रदेश में 2022 चुनाव होने हैं इसलिए राजनीतिक दलों ने इसे और तूल दिया। यह घटना न सिर्फ किसानों की बेसब्री, उनकी अनुशासनहीतना बल्कि सरकार की नाकामियों की भी पोल खोलती है।
ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी कांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट में अनुच्छेद 21 पर बहस के बाद होगा सीबीआई जांच का फैसला, जनहित याचिका दायर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के अर्नगल बयान और पुलिस प्रशासन की भूमिका तो सवालों के घेरे में है ही। इन सवालों के बीच सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी भरी सभा में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए “दो मिनट में ठीक कर दूंगा” जैसी बयानबाजी कर उन्हें चेतावनी देते दिख रहे हैं। तो दूसरे में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर अपने समर्थकों से आंदोलनकारी किसानों को ‘शठे शाठ्यम् समाचारेत’ (जैसे को तैसा) करने के लिए उकसाते हुए दिख रहे हैं। किसानों के साथ जो हुआ वह दुखद है। और किसानों ने जो किया वह घोर निंदनीय है, लेकिन जिम्मेदारी और उच्च पदों पर विराजमान दो बड़े नेताओं के वीडियो का जो सच है, वह बेहद गैर जिम्मेदाराना है। संवैधानिक, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की पहली जिम्मेदारी जन प्रतिनिधियों और लोकसत्ता संभाल रहे नेताओं की है। लेकिन जब वही अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं तो क्या किया जाए। कुछ भी बोलने से पहले उन्हें अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। जिम्मेदार जब ऐसे बयान देंगे, तब स्थिति कैसे संभलेगी?
ये भी पढ़ें- Lakhimpur Khiri Violence : नहीं उतरा किसी का हेलीकाफ्टर तो कोई हुआ हाउस अरेस्ट, जानिये किस नेता को कहाँ-कहाँ और कैसे किया गया डिटेन किसानों को भी यह समझना होगा कि विरोध प्रदर्शन को हिंसा का रूप देने से नुकसान किसी और का नहीं बल्कि उन्हीं का होगा। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं। कानपुर के कारोबारी मौत मामले से घिरी यूपी पुलिस को भी संवेदनशील होकर प्रदेश में शांति बनाए रखने व लोगों में भरोसा कायम करने की जरूरत है। लखीमपुर-खीरी में हुई हिंसा के जो भी दोषी हों, उन्हें जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए, ताकि घटना की पुनरावृत्ति न हो।
(अ.गु.)