पत्रिका अभियान - कैसे हो किसानों की आय दोगुनी, किसान कर रहे खुदकुशी
एक अनुमान के मुताबिक एक वर्ष में सिर्फ बुंदेलखंड में 266 किसानों और खेतिहर मजदूरों ने ख़ुदकुशी कर ली।

लखनऊ. केंद्र सरकार की मंशा है कि साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी की जाये। उत्तर प्रदेश सरकार भी दावा कर रही है कि वह प्रदेश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कई योजनाएं तैयार कर रही है। इन सबके बीच जमीनी हकीकत यह है कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार किसानों की ख़ुदकुशी के मामले सामने आ रहे हैं। आमदनी दोगुनी करना तो दूर किसान के सामने अभी फसल की लागत का मूल्य भर मिल जाना एक चुनौती है। कर्ज के बोझ तले ख़ुदकुशी कर रहे किसानों की संख्या बताती है कि उत्तर प्रदेश सरकार की कर्जमाफी की योजना भी किसानों में भरोसा पैदा नहीं कर सकी है।
नहीं थम रहे ख़ुदकुशी के मामले
एक अनुमान के मुताबिक एक वर्ष में सिर्फ बुंदेलखंड में 266 किसानों और खेतिहर मजदूरों ने ख़ुदकुशी कर ली। फांसी लगाकर, ट्रेन से कटकर और खुद को जलाकर अपनी जान देने के मामले सामने आये। सबसे अधिक लोगों ने फांसी लगाकर जान दी। पूरे उत्तर प्रदेश का आंकड़ा इससे भी अधिक भयावह है। उत्तर प्रदेश में कर्जमाफ़ी योजना की शुरुआत होने के बाद भी लगातार ख़ुदकुशी के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले दो महीने में झाँसी, ललितपुर, महोबा सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से किसानों की ख़ुदकुशी के मामले सामने आये जब फसल बर्बाद होने या कर्ज के दवाब में किसानों ने ख़ुदकुशी कर ली।
किसानों को राहत की जरूरत
दरअसल उत्तर प्रदेश में कर्जमाफी की योजना को किसानों के लिए बड़ा राहत माना गया था लेकिन एक लाख रूपये की सीमा ने किसानों को ख़ास राहत नहीं दी। जानकर मानते हैं कि ज्यादातर किसानों को सूदखोरों से कर्ज लेना पड़ता है और फसल का वाजिब मूल्य न मिलने पर वे दवाब में आ जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर संजय सिंह बताते हैं कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कई स्तरों पर काम किये जाने की जरूरत है। सबसे पहले उन्हें लागत में मदद की जाये। इसके बाद मौसम के कारण बर्बाद होने वाली फसलों को ध्यान में रखते हुए बीमा योजना को कार्यान्वित किया जाये। इन सबके बाद बेहतर पैदावार होने पर फसलों का वाजिब मूल्य मिलना सबसे बड़ी चुनौती है। इन तीनों बातों में तालमेल के बिना किसानों को कोई राहत नहीं मिल सकेगी। संजय कहते हैं कि जिस तरह से लगातार किसान ख़ुदकुशी कर रहे हैं, उन्हें तात्कालिक रुप से किसी बड़े पैकेज की जरूरत है जिससे किसान का भरोसा सरकार पर पैदा हो। कर्जमाफी की सीमा हटाकर सभी किसानों को कर्जमाफी का लाभ देना होगा।
अब पाइए अपने शहर ( Lucknow News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज