
बागेश्वर में खड़िया खनन को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई
High Court order:हाईकोर्ट ने खड़िया खनन को लेकर अफसरों को जमकर फटकार लगाई। दरअसल, उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कांडा तहसील के गांवों में जमकर खड़िया खनन हो रहा है। इससे कांडा के गांवों में दरारें पड़ने लगी हैं। नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले को स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में गुरुवार को खनन सचिव, डीएम बागेश्वर और जिला खनन अधिकारी पेश हुए। हाईकोर्ट ने बागेश्वर के एसपी से खनन में लगी सभी मशीनों को सीज कर रिपोर्ट आज पेश कोर्ट में पेश करने को कहा। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने मामले को अति गंभीर पाते हुए कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट का आकलन कर सचिव औद्योगिक विकास, निदेशक खनन एवं डीएम बागेश्वर को पेश होने के आदेश दिए थे। साथ ही पूरे बागेश्वर जिले में खड़िया के खनन पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। कोर्ट ने सरकार से तत्काल बागेश्वर की खान अधिकारी का तबादला करने के आदेश दिए।
बागेश्वर जिले में खनन कार्य में 60 पोकलैंड, 30 जेसीबी और 500 ट्रक लगे हुए हैं। पुलिस की अब इस वाहनों पर कड़ी नजर हैं। पुलिस ने एआरटीओ कार्यालय से वाहनों के आंकड़े भी जुटा लिए हैं। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई है। खनन रोकने के लिए पुलिस ने कई टीमों का गठन किया है। पुलिस की मर्जी के बगैर इन खानों में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। दरअसल, खड़िया खनन करने वालों ने वनभूमि के साथ सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध जाकर खनन किया था। वहां पहाड़ी दरकने लगी है। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं।
Published on:
10 Jan 2025 12:52 pm
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