
शिक्षकों की 2 लाख से ज़्यादा वैकेंसी पर योगी सरकार खामोश क्यों है?: संजय सिंह फोटो सोर्स :Patrika
Yogi government comment MP Sanjay Singh: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथसरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर है। इस बार निशाना बना है राज्य की शिक्षा व्यवस्था। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, "योगी सरकार बच्चों से किताबें छीनकर शराब की बोतलें थमा रही है।" उन्होंने दावा किया कि सरकार ने अब तक 27,000 से अधिक सरकारी स्कूल बंद कर दिए हैं और अब 5,000 और स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। यह सब तब हो रहा है जब प्रदेश में करीब दो लाख शिक्षकों के पद खाली हैं और हजारों स्कूल जर्जर अवस्था में हैं।
संजय सिंह ने कहा,“जब स्कूलों की छतें गिर रही हैं, बच्चे ज़मीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं और शिक्षक नदारद हैं, तब योगी सरकार प्रदेश में 27,308 शराब की दुकानें खोलने में व्यस्त है। यह सरकार शिक्षा नहीं, शराब को प्राथमिकता दे रही है।”उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रति छात्र सालाना शिक्षा पर ₹9,167 का खर्च हो रहा है, जबकि राष्ट्रीय औसत ₹12,768 है। इसका मतलब है कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रदेश के लाखों बच्चे शिक्षकों के अभाव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं। कई जिलों में प्राथमिक विद्यालय सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
प्रयागराज जिले में ही 633 स्कूल ‘खतरनाक’ घोषित किए गए हैं। इन स्कूलों की इमारतें कभी भी गिर सकती हैं, जिससे बच्चों की जान जोखिम में है। संजय सिंह ने कहा “सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को रामभरोसे छोड़ दिया है, और अब बच्चों की ज़िंदगी को भी दांव पर लगा दिया है।”
संजय सिंह ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब स्कूल बंद हो रहे थे, उस दौरान सरकार शराब दुकानों के विस्तार में लगी रही। उन्होंने कहा कि “बच्चों से किताबें छीनी गईं और शराब की बोतलें थमाई जा रही हैं। यह देश के भविष्य के साथ घोर अन्याय है।”
सरकार का तर्क है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है, इसलिए उन्हें बंद किया जा रहा है या मर्ज किया जा रहा है। इस पर संजय सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि “बच्चों की संख्या इसलिए कम हुई क्योंकि सरकार ने स्कूलों में शिक्षक नहीं दिए, सुविधाएं नहीं दीं, और स्कूलों को जर्जर हालत में छोड़ दिया। यह सुनियोजित तरीके से शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की साजिश है।”
आप सांसद ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार सिर्फ शराब बेचने में डबल स्पीड दिखा रही है। उन्होंने कहा कि “जब स्कूलों को बचाने की बात आती है, तो खजाना खाली हो जाता है। लेकिन शराब के ठेके खोलने हों, तो सरकार के पास पैसा, नीति और तत्परता तीनों होती हैं।”
आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ की शुरुआत की है। इस आंदोलन के तहत कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर सरकार की नीतियों का पर्दाफाश करेंगे। पार्टी का नारा है: “मधुशाला नहीं, पाठशाला चाहिए।” संजय सिंह ने कहा,“हम इस आंदोलन को तब तक चलाएंगे जब तक प्रदेश के हर बच्चे को शिक्षक, स्कूल और शिक्षा का अधिकार नहीं मिल जाता।”
संजय सिंह ने कहा कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी शिक्षा को मुख्य मुद्दा बनाएगी।“यह सरकार गरीब, दलित, पिछड़े और किसान के बच्चों को पढ़ने नहीं देना चाहती। सरकार चाहती है कि गरीब का बच्चा मजदूरी करे, और अमीर का बच्चा अफसर बने।”उन्होंने आगे कहा कि “2027 में जनता इस सरकार को सत्ता से बाहर करेगी और एक ऐसी सरकार लाएगी जो शिक्षा को प्राथमिकता दे।”
संजय सिंह ने साफ कहा कि यदि सरकार ने तुरंत बंद स्कूलों को फिर से खोलने,सभी स्तरों पर शिक्षक भर्ती शुरू करने,खस्ताहाल स्कूल भवनों की मरम्मत कराने जैसे ठोस कदम नहीं उठाए, तो आम आदमी पार्टी सड़क से संसद तक आंदोलन करेगी।
उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर उठे ये सवाल न सिर्फ सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल हैं, बल्कि यह राज्य के भविष्य को लेकर एक गंभीर चेतावनी भी है। अगर स्कूल बंद होते रहे, शिक्षक नहीं आए और शिक्षा का बजट घटता रहा, तो प्रदेश के करोड़ों बच्चों का भविष्य अंधेरे में चला जाएगा। आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि योगी सरकार इस मुद्दे पर किस तरह प्रतिक्रिया देती है – शब्दों में या कार्यों में?
Published on:
14 Jul 2025 04:27 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
