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अतीक का सुल्तानपुर कनेक्शन! भौकाल देख रेस्टोरेंट बंद किया और गैंग में शामिल हुआ था पप्पू

Atiq Ahmad murder : अतीक अहमद 2014 में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहता था। इस सिलसिले में कई बार अतीक काफिले के साथ सुल्तानपुर पहुंचा था। उसका भौकाल देखकर रेस्टारेंट संचालक उसके गैंग में शामिल हो गया।

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लखनऊ

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Vishnu Bajpai

Apr 24, 2023

Atique Ahmad Gang

Atique Ahmed : कल्याण सिंह के शासन काल में रजिस्टर्ड हुआ माफिया अतीक का IS-277 गैंग, क्या सच में थे पाकिस्तान से संबंध ?

Atiq Ahmad murder : वैसे तो कुख्यात माफिया का नेटवर्क विदेशों में भी फैला है, लेकिन यूपी में इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। यूपी में ज्यादातर लोग अतीक का लाव लश्कर और भौकाल देखकर उसकी गैंग में शामिल हो जाते थे। ऐसी ही एक कहानी सुल्तानपुर जिले की है। यहां एक रेस्टोरेंट संचालक अतीक के भौकाल से ऐसा प्रभावित हुआ कि रेस्टोरेंट बंद कर अतीक की गैंग में शामिल हो गया और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगा। आइए बताते हैं इसकी पूरी कहानी...

सुल्तानपुर शहर के घरहां गांव से शुरू हुई कहानी
सुल्तानपुर शहर से सटा गांव है घरहां। पप्पू के नाम से मशहूर यहीं का गुलाम मुइनुद्दीन सिद्दीकी 2014 में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की चाहत लेकर प्रयागराज से सैकड़ों गाड़ियों पर अतीक के साथ असलहाधारियों का लंबा लश्कर देख प्रभावित हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि पप्पू ने न सिर्फ सपा कार्यालय के सामने स्थित अपने रेस्टोरेंट से अतीक की टीम को फ्री में लंच और नाश्ता कराया बल्कि फोटो भी खूब खिंचवाई।

हालांकि बाद में सपा के भीतर विरोध हो जाने के कारण अतीक को हाईकमान ने इरादा बदल चुनाव लड़ने श्रावस्ती भेज दिया, लेकिन इधर अतीक का भौकाल देखकर पप्पू ने सुपर मार्केट का अपना जमा जमाया रेस्टोरेंट बंद कर डाला और उसके नेटवर्क में शामिल होकर उसका एतबार जीतने में लग गया। अतीक के गुर्गों और उसके बेटे उमर से भी उसके करीबी ताल्लुकात बन गए।

अतीक अहमद का खास कारिंदा बन गया पप्पू
इधर जब अतीक ने अलग-अलग क्षेत्रों से विधानसभा व लोकसभा के चुनाव लड़े तो भी पप्पू उसका खास कारिंदा रहा। उसने अतीक और उमर के साथ अपने चुनावी बैनर और पोस्टर भी छपवाए। वाहवाही के लिए इन्हें वो अपने फेसबुक पर भी पोस्ट करता रहा। कुछ ही दिनों के भीतर लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक उसने जमीन खरीद-फरोख्त व प्लॉटिंग भी शुरू कर दी।

मोहित जायसवाल की जेल में पिटाई मामले में चढ़ा पुलिस के हत्थे
पप्पू उर्फ गुलाम मुइनुद्दीन पहली बार चर्चा में आया 26 दिसंबर, 2018 को घटित लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल की अगवा कर देवरिया जेल में अतीक के सामने पिटाई के मामले से। वारदात कुछ यूं हुई थी। अतीक 4 अप्रैल, 2017 को नैनी जेल से देवरिया जेल भेजा गया था।

वो बैरक नंबर 7 में था। 26 दिसंबर 2018 को लखनऊ के रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को कार समेत अतीक के गुर्गों आलमगीर, मुख्तार, बरकत व गुलाम मुइनुद्दीन आदि द्वारा अगवा कर देवरिया जेल ले जाया जाता है। जहां अतीक की बैरक में उसकी जमकर पिटाई होती है।

जबरन स्‍टांप पर साइन करवाकर हथिया ली 45 करोड़ की संपत्ति
साथ ही 45 करोड़ की संपत्ति हथियाने के लिए कारोबारी से जबरन स्टाम्प पर दस्तखत करा लिए जाते हैं। साथ ही उसकी लक्जरी कार भी अतीक के गुर्गे हड़प लेते हैं। इस मामले में पीड़ित कारोबारी ने लखनऊ के कृष्णानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

बाद में पुलिस जांच में पुष्टि हुई कि गुलाम मुइनुद्दीन पप्पू ने मोहित को अगवा करने में सक्रिय भूमिका निभाई। पुलिस ने उसे कुछ ही दिनों के भीतर गोमतीनगर स्थित उसके आवास से दबोच लिया। वारदात में प्रयुक्त उसकी लक्जरी कार भी बरामद कर ली गई। सीबीआई जांच में चार्जशीट फाइल होने के बाद अब केस ट्रायल में है। पप्पू जेल में है।