
Rajya Sabha Elections : अगले महीने जून में उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के लिए चुनाव होने हैं। यूपी में भाजपा के 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है। राज्यसभा के इस चुनाव में भाजपा को पिछली बार मिली पांच के मुकाबले विधायकों की संख्या को देखते हुए इस बार बीजेपी को आठ सीटें जीतने का मौका मिल सकता है। पार्टी सूत्रों की माने तो जून में होने वाले राज्यसभा के चुनाव में सपा से भाजपा में आए बिल्डर संजय सेठ को इस बार राज्यसभा सीट से हाथ धोना पड़ेगा। उनकी जगह यूपी पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के बेटे विराज सागर दास को राज्यसभा का टिकट देने की तैयारी की जा रही है। जबकि बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी राज्यसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को वोट डाले जाएंगे।
जफर इस्लाम के अलावा बीजेपी से सभी नए चेहरे
मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश से शिवप्रताप शुक्ला, जयप्रकाश निषाद, बिल्डर संजय सेठ, जफर इस्लाम और सुरेंद्र सिंह नागर ये पांच सांसद हैं। ये बीजेपी से हैं। बहुजन समाज पार्टी से सतीश चंद्र मिश्र और अशोक सिद्धार्थ, समाजवादी पार्टी से रेवतीरमण सिंह व विश्वम्भर प्रसाद निषाद और सुखराम यादव सांसद हैं। जबकि कांग्रेस से कपिल सिब्बल का नाम है। भाजपा नेताओं की माने तो बीजेपी से जुड़े इन पांच पुराने नामों में से जफर इस्लाम के अलावा बाकी सारे नाम नए होने की उम्मीद की जा रही है। जिसमें लखनऊ के विराज सागर दास का नाम सबसे आगे हैं।
संजय सेठ की जगह विराज सागर
बता दें कि विराज सागर दास के पिता अखिलेश दास का राजनैतिक सफर कांग्रेस और सपा के साथ रहा है। जबकि विराज सागर दास की पसंद बीजेपी हैं। विराज सागर दास बीजेपी की रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह के बहनोई हैं। वे धीरे-धीरे बीजेपी के नजदीक आते जा रहे हैं। वहीं इस बार संजय सेठ से भाजपा किनारा कर सकती है।
लक्ष्मीकांत को भी मिल सकता है मौका
बीजेपी इस बार पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी बीजेपी राज्यसभा भेज सकती है। इसके अलावा बीजेपी बाकी नामों पर चर्चा कर रही है। सूत्रों के मुताबिक 29 मई तक बीजेपी सभी नाम तय कर लेगी। जिसके बाद नामांकन किया जायेगा। इस बार राज्यसभा में बीएसपी की संख्या शून्य होगी। क्योंकि बसपा के पास इस समय केवल एक ही विधायक है।
भाजपा 8 व सपा जीत सकती है 3 सीटें
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए के 273 विधायक हैं। जबकि सपा गठबंधन के पास कुल 125 सदस्य हैं। एक राज्यसभा सदस्य को जिताने के लिए कम से कम 34 सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी है। उस हिसाब से देखें तो भाजपा 11 में से आठ सीटें आसानी से जीतने की स्थिति में है। जबकि सपा गठबंधन भी तीन सीटें आसानी से जीत सकता है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और बसपा को होगा।
कांग्रेस-बसपा को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
इन दोनों ही दलों का हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। कांग्रेस को दो और बसपा को मात्र एक सीट ही हासिल हुई थी, लिहाजा यह दोनों दल अपने दम पर एक भी सदस्य जिताने की स्थिति में नहीं हैं। बसपा के हिसाब से देखें तो सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है। अब संसद के उच्च सदन में रामजी गौतम के रूप में पार्टी का एकमात्र सदस्य रह जाएगा।
Published on:
15 May 2022 12:22 pm
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