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शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस में जाने के बाद पत्नी पूनम लड़ सकती हैं राजनाथ के खिलाफ चुनाव, सपा से हो सकती हैं उम्मीदवार

शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद उनकी पत्नी पूनम सिन्हा के सपा के टिकट पर लखनऊ से भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Apr 06, 2019

Rajnath Poonam

Rajnath Poonam

लखनऊ. शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद उनकी पत्नी पूनम सिन्हा के सपा के टिकट पर लखनऊ से भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने भी इस संभावना को बल तब दिया जब उन्होंने पूनम के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि कुछ भी हो सकता है। शत्रुघ्न सिन्हा के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी और कांग्रेस भी उनके ख़िलाफ़ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी और उनका समर्थन करेगी।

लखनऊ है भाजपा का गढ़-

लखनऊ भाजपा का मज़बूत गढ़ माना जाता है और यहां से दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी सांसद रहे हैं। भाजपा लगातार लखनऊ सीट पर काबिज रही है और हर चुनाव में पार्टी ने विरोधी दलों के दांत खट्टे किए हैं। इसी कारण सपा-बसपा, कांग्रेस के लिए इस बार भी कड़ी चुनौती है कि वह किसे लखनऊ से चुनावी मैदान में खड़ा करे। ब्राह्मण चेहरे के रूप में राजनाथ सिंह ने बीते चुनाव में प्रतिद्वंदियों को बड़े अंतर से हराया था। 2014 में उन्हें यहां पर 5.5 लाख से अधिक वोट मिले थे। वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी रही थीं जिन्हें 2, 88,357 वोट मिले थे। इस बार उनके खिलाफ कांग्रेस ने अपने ब्राह्मण चेहरे जितिन प्रसाद को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया था, लेकिन जितिन ने आलाकमान को मना कर अपनी पूर्व की संसदीय सीट धौरहरा को वापस मांग लिया।

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पूनम सिन्हा हैं सिंधी-

शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ हैं वहीं पूनम सिन्हा सिंधी हैं। लखनऊ में तीन लाख से अधिक कायस्थ वोटर हैं और 1.3 लाख सिंधी वोटर्स हैं। इसके अलावा 3.5 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं। ऐसे में पूनम सिन्हा को कमजोर नहीं माना जा सकता। हालांकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि लखनऊ भाजपा का गढ़ रहा है और यह आगे भी रहेगा। बाहर से लाया गया किसी भी उम्मीदवार का लखनऊ के वोटरों पर कोई असर नहीं पाड़ने वाला है। लेकिन जातीय समीकरण की बात करें तो पासा पलट सकता है।

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लखनऊ में यह है जातिय समीकरण-

लखनऊ का जातीय समीकरण देखा जाए तो यहां अनुसूचित जाति की आबादी 14.3% तो वहीं अनुसूचित जनजाति 0.2% है। ब्राह्मण और राजपूत की कुल आबादी करीब 18 प्रतिशत है। ओबीसी 28 फीसदी तो वहीं मुस्लिम मतदाता- 18 फ़ीसदी है।

सपा लगातार शत्रुघ्न के संपर्क में-

हालांकि, पूनम सिन्हा ने अभी तक कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन नहीं किया है। लेकिन कयास है कि जल्द ही उनको लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है। वहीं सपा लगातार शत्रुघ्न सिन्हा के संपर्क में है। पूनम सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत 70 के दशक में माॅडलिंग से की थी। 1968 में मिस यंग इंडिया का खिताब जीतने के बाद उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा था। उसके बाद वे बॉलीवुड में आ गईं।