6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिवपाल पूरा करेंगे मुलायम सिंह यादव का यह बड़ा सपना पूरा, हो गई शुरुआत !

। प्रगतिशील समजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने इसको लेकर मंगलवार को पहल की जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में उम्मीदों का उबार सा आ गया है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Abhishek Gupta

Nov 19, 2019

mulayam

mulayam

लखनऊ. समाजवादी पार्टी में एक बार फिर एकता की कोशिशें शुरू हो गई हैं। प्रगतिशील समजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने इसको लेकर मंगलवार को पहल की जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार फिर गरमा गया है। इससे प्रतीत हो रहा है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सपना शायद पूरा हो सकता है। हालांकि ताली बजाने के लिए दूसरे हाथ का साथ में आना अभी बाकी है। मसलन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, जिन्होंने अपनी ओर से फिलहाल कोई पहल नहीं की है। लेकिन 2022 चुनाव के मद्देनजर अखिलेश यादव को इस ओर कदम उठाना पड़ सकता है।

ये भी पढ़ें- अयोध्या से जनकपुर के लिए निकलेगी राम बारात, शामिल हो सकते हैं सीएम योगी-पीएम मोदी

शिवपाल पहले भी कर चुके हैं पहल-

वैसे शिवपाल पहले से ही पहल करते आ रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी का विलय करने से भले ही इंकार कर दिया हो, लेकिन गठबंधन के दरवाजे हमेशा से खोल रखे हैं। और मंगलवार को तो उन्होंने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के पद का दावेदार तक घोषित कर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर परिवार एक हो गया तो 2022 में अखिलेश यादव सीएम होंगे।

ये भी पढ़ें- दूसरे दिन भी यूपी के बिजली कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, सीएम योगी से की बड़ी मांग

मुलायम लगातार कर रहे हैं कोशिश-

2017 विधानसभा चुनाव के पहले से पार्टी में पड़ी दरार को दूर करने की सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं। खराब स्वास्थ्य के बावजूद वह प्रयास में हैं कि किसी तरह भाई और पुत्र को साथ लाया जा सके। सूत्रों की मानें तो 2019 चुनाव में सपा व प्रसपा के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद मुलायम काफी नाराज थे, और उन्होंने अखिलेश को पार्टी के उपेक्षित व नाराज नेताओं को संग लाने पर जोर दिया था। उनका मानना है कि 2022 चुनाव की डगर पार्टी में एकता के बगैर कठिन है। अब देखना है कि आखिर कब उनका एकता का यह सपना पूरा होता है।