
लखनऊ. पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। एसआईटी ने मुलायम सिंह यादव की आवाज़ का नमूना लेने का आदेश दिया है। इसके लिए एसएसपी दीपक कुमार ने एसआईटी का गठन किया है। इस टीम का नेतृत्व सीओ बाजारखाला अनिल कुमार यादव करेंगे। सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज थाने में तहरीर देकर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाया था। ठाकुर के अनुसार, मुलायम सिंह ने 10 जुलाई 2015 को उन्हें मोबाइल पर धमकी दी थी। इस पर पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू की।
20 अगस्त 2016 को कोर्ट ने विवेचक को मुलायम के वॉयस सैंपल लेने का आदेश जारी किया था, लेकिन विवेचक ने वॉयस सैंपल नहीं पेश किया। करीब आठ महीने पहले विवेचना सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा को सौंपी गई। कुछ दिन पहले सीओ अभय मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट के सामने वॉयस सैंपल लेने के लिए किए गए प्रयासों की रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने और पूर्व विवेचकों ने विशेष वाहक, इंस्पेक्टर गौतमपल्ली और रजिस्टर्ड डाक के जरिए कई बार पूर्व मुख्यमंत्री को आवाज का नमूना देने के लिए नोटिस भेजा, लेकिन उनके आवास पर किसी ने नोटिस रिसीव नहीं किया।
पुलिस ने मुलायम सिंह यादव के दिल्ली आवास पर फैक्स और रजिस्टर्ड डाक से भी नोटिस भेजा लेकिन अभी तक उनकी सहमति नहीं मिली। सोमवार को सीजेएम ने एसएसपी को विशेष जांच टीम का गठन करवाई व सेंपल हासिल करने का आदेश दिया है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक एसआईटी के सीईओ बाजारखाला अनिल कुमार यादव, एसएसआई हजरत गंज, बृजेंद्र कुमार मिश्रा, SI हजरतगंज घनश्याम यादव, SI बाजार खाला राजकुमार और SI सआदतगंज खान को शामिल किया गया है। एसएसपी के मुताबिक तीन जल्दी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का वॉइस सैंपल हासिल कर कोर्ट के सामने पेश करेगी।
क्या है पूरा मामला?
23 अगस्त 2016 को लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने यूपी पुलिस की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट दी गई थी। इस रिपोर्ट में पुलिस ने कहा था कि मुलायम सिंह के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। कोर्ट ने लखनऊ पुलिस को इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच करने का आदेश भी दिया था।
आईजी रैंक के आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया गया था कि मुलायम सिंह यादव ने उनको फोन पर धमकी दी थी। यूपी सरकार ने मुलायम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद अमिताभ ठाकुर को सस्पेंड कर दिया था और उनके खिलाफ कई तरह की जांच के आदेश भी दे दिए थे। लेकिन अमिताभ ठाकुर अपने निलंबन के खिलाफ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल (सीएटी) में गए, जहां से उनका निलंबन खत्म करने का आदेश दिया गया।
अमिताभ ठाकुर ने FIR के साथ मुलायम सिंह के साथ फोन पर कथित बातचीत की रेकॉर्डिंग भी पेश की थी। अमिताभ ठाकुर ने सीजेएम कोर्ट में अपील की थी कि मुलायम सिंह की आवाज की जांच कराई जाए, जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि उनको धमकी देने वाले मुलायम सिंह ही थे।
Published on:
27 Feb 2018 08:50 am
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