
Railways will provide skill development training
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Teacher Recruitment) की लिखित परीक्षा का परिणाम आने के बाद से प्रतियोगी तमाम अंकपत्र निरंतर वायरल कर रहे हैं। इन सबके बीच एक बड़ा घोटाला सामने आया है। परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होने वाली छात्रा का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसके बाद जाती और नाम को लेकर किए गए हेरफेर का मामला सामने आया है। ओबीसी वर्ग में अर्चना तिवारी नाम की छात्रा के उत्तीर्ण अंक से पास होने पर सोशल मीडिया पर बवाल हुआ है। छात्रों की शिकायत है कि नाम से ही जो अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की है उसका चयन ओबीसी में कैसे हो गया? बेसिक शिक्षा परिषद ने उसके गुणांक के आधार पर गृह जिला आजमगढ़ आवंटित भी कर दिया है। उधर, परीक्षा संस्था का कहना है कि छात्रा के मूल आवेदनपत्र में ओबीसी वर्ग दर्ज है इसलिए अंकपत्र में भी वही लिखा गया है। मामले में बवाल के बाद अब अभ्यर्थी को काउंसलिंग में ओबीसी वर्ग का प्रमाणपत्र दिखाना होगा, तभी नियुक्ति मिलेगी।
ये भी पढ़ें: यूपी में एक प्राइमरी टीचर की सैलरी आठ लाख रुपए महीना
जाती के नाम पर बनी भ्रम की स्थिति
बेसिक शिक्षा परिषद की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम आने के बाद से परीक्षा में अच्छे अंक पाने वालों पर नित नए सवाल उठाए जा रहे हैं। शुक्रवार को अर्चना तिवारी का अंकपत्र वायरल हुआ। शिक्षक भर्ती परीक्षा में अर्चना तिवारी ने 150 में से 114 अंक हासिल किए हैं और उसकी रैंक 13520 है। अंकपत्र में उसका वर्ग ओबीसी लिखा है। इसी बात पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इतना ही नहीं बल्कि एक जून को बेसिक शिक्षा परिषद ने उसे गृह जिला आजमगढ़ आवंटित तक कर दिया है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि लिखित परीक्षा के लिए किए गए मूल आवेदन में अर्चना ने ओबीसी वर्ग ही लिखा है। इसलिए उसका अंकपत्र उस वर्ग का जारी हुआ है। उन्होंने कहा कि भर्ती का सॉफ्टवेयर इस तरह का था कि अगर कोई अभ्यर्थी जन्म तारीख व शैक्षिक सूचनाएं गलत दर्ज करेगा तो वह आवेदन स्वीकार नहीं होगा लेकिन अर्चना तिवारी का वर्ग उसमें नहीं जांचा जाना था। अर्चना तिवारी ने जो सूचना आवेदन में दर्ज की है उसे काउंसलिंग में दिखाना होगा। उसी के आधार पर चयन होगा।
Published on:
06 Jun 2020 12:20 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
