30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP News : 250 की आबादी वाले इस गांव में भरे पड़े हैं टॉप वन अधिकारी, नाम भी चौंकाने वाला

UP News : यूपी के संतकबीरनगर जिले में एक ऐसा गांव है। जिसकी आबादी महज 250 है। इसके अलावा इस गांव के हर घर में टॉप वन अधिकारी मिल जाएंगे। इस गांव नाम भी आपको चौंका देगा।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Vishnu Bajpai

Apr 12, 2023

Sant Kabir Nagar Ekla Shukla

गांव की कहानियां हमेंशा लोगों को प्रेरणा देने का काम करती हैं। आमतौर पर जब भी गांव शब्द का इस्तेमाल किया जाता है तो लोगों के मन में पेड़, फसल, खेती, नदियां इत्यादि की सुंदर तस्वीरें तैयार होती हैं, लेकिन एक तस्वीर और भी दिमाग में चलती है वह है पिछड़ापन, अशिक्षा, बेरोजगार इत्यादि की।

लेकिन क्या आप किसी ऐसे गांव के बारे में जानते हैं जो कि एक समय बदनाम था लेकिन समय के साथ गांव के लोगों ने सफलता का स्वाद चखा और अब इस गांव के लगभग हर घर से कई आईएएस, पीसीएस, आईपीएस हैं। साथ ही अन्य अफसरों के पद, शिक्षकों के पद व वैज्ञानिक के पद पर अपनी ड्यूटी पूरा कर रहे हैं। आइए बताते हैं गांव की खासियत...

यह भी पढ़ें : 30 साल के इस लड़के की दूर-दूर तक हो रही चर्चा, जानिए क्यों आम से बना खास?

जिला संतकबीरनगर, गांव एकला शुक्ल
यह कहानी है यूपी के संतकबीरनगर जिले की। यहां एक ऐसा गांव है। जिसकी आबादी महज 250 है। इस गांव नाम भी आपको चौंका देगा। इस गांव का नाम है एकला शुक्ल। जी हां, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। इस गांव की आबादी कुछ खास नहीं है और न ही यह गांव बेहद बड़ा है। इस गांव की कुल आबादी महज 250 है, लेकिन इस गांव की खासियत यह है कि इस गांव के लगभग हर घर में आईएएस, पीसीएस अफसर आपको मिल जाएंगे।

यह भी पढ़ें : यूपी का वो गांव, जहां जाने के लिए लगता है 20 रुपए का टिकट, जानें खासियत?

अफसरों के लिए इस गांव में वैज्ञानिक और शिक्षक भी हैं। साथ ही निजी क्षेत्र की कंपनियों में गांव के कई लोग काम करत रहे हैं। हालांकि यह केवल हवाबाजी नहीं है बल्कि गांव में समृद्धि दिखाई भी पड़ती है। इसका अहम कारण है युवाओं में शिक्षा का प्रसार और शिक्षा के प्रति जागरूकता।

पहले गांव की छवि थी खराब, युवाओं ने बदल दिया इतिहास
बता दें कि लगभग चार साल पहले ह गांव भी दूसरे गांवों की तरह पिछड़ा व खस्ताहालत था, लेकिन यहां के युवा बच्चों ने शिक्षा के महत्व को समझा और धीरे धीरे शिक्षा की ओर बढ़ने लगे। देखते-देखते गांव में ही प्रतियोगिता का माहौल तैयार हो गया। इसका परिणाम यह हुआ के यहां के युवा सरकारी नौकरियों में एक के बाद एक चयनित होने लगे।

यह भी पढ़ें : प्रियंका चोपड़ा को बरेली से क्यों है इतना लगाव, जानते हैं इसके पीछे की कहानी?

हालांकि बच्चों की इस सकारात्मक नजरिये को बुजुर्गों का काफी साथ मिला। वे भी बच्चों को सकारात्मक प्रतियोगिता को लेकर सलाह देते। एक बुजुर्ग के मुताबिक गांव मे सन 1997 में खेती के विवाद में एक शख्स की हत्या कर दी गई थी। इसमें इसी गांव के दर्जनों लोगों को जेल भेजा गया। इसके बाद से गांव की छवि खराब हो गई लेकिन समय के साथ युवाओं ने मेहनत की और गांव की किस्मत को बदल दिया।