
To see Congress Bharat Band, Akhilesh's sudden change in the program
अनिल के अंकुर
लखनऊ। कांग्रेस का 10 सितम्बर को पेटोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ भारत बंद है। इस कार्यक्रम का जनता से सीधा जुड़ाव देखते हुए सपा खेमे में खलबलाहट मच गई कि कहीं बाजी कांग्रेस न मार ले जाए, इसलिए सपा ने अपनी पूर्व नियोजित नगर, महानगर, जिला अध्यक्षों व महामंत्रियों की बैठक स्थिगित कर दी। अब सपा भी महंगाई और कानून व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन व धरना देने का फैसला किया है।
कांग्रेस के कार्यक्रम में जनता का जुड़ाव
पेटोल और डीजल के बढ़े दामों को लेकर कांग्रेस के बंद से युवा और व्यापारी तो जुड़ ही गए थे आम कर्मचारियों में भी इसकी अच्छी चर्चा होने लगी थी। भारत बंद को देखते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ता भी खासे उत्साहित थे। उनका कहना था कि वे जन विरोधी भाजपा सरकार के फैसलों से आहत जनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक देश की जनता को उसका हक नहीं मिल जाता।
सपा ने जारी किया फरमान
इतवार की शाम को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक फरमान जारी किया जिसमें कहा गया कि 10 सितम्बर को राजधानी में होने वाली जिला व महानगर अध्यक्षों व महामंत्रियों व अन्य पदाधिकारियों की बैठक निरस्त की जाती है। वे अब अपने अपने जिला व तहसील मुख्यालयों में मंहगाई, भ्रस्टाचार, किसानों व छात्रों की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे।
शिवपाल का मोर्चा भी खटक रहा है अखिलेश को
सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव भले ही अभी पार्टी में बने हों, लेकिन उनके द्वारा बनाया गया समाजवादी सेक्युलर मोर्चा भी सपा अध्यक्ष अखिलेेश को खटक रहा है। हालांकि अखिलेश इस बात को बार बार कहते हैं कि ऐसे मोर्चे बहुत बना करते हैं। लेकिन राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि षिवपाल के इस कदम से सपा को नुकसान होगा।
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Updated on:
09 Sept 2018 07:36 pm
Published on:
09 Sept 2018 05:26 pm
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