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उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे खूबसूरत महिलाएं, टॉप पर है जिनकी सियासत

बात अगर चेहरों की खूबसूरती की करें तो कहावत है कि सियासत में दमकता चेहरा जितना हसीन है, राजनीति उनकी ही तीखी होती है। हसीन चेहरों की मालकिन ऐसी ही महिलाओं ने यूपी की सियासत को नए मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है।

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Aug 01, 2017

India

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लखनऊ.
बात राजनीति की हो और महिलाओं का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। राजनीति में महिलाओं की रुचि और उनका दबदबा आपको पूरे देश में देखने को मिल जाएगा। बड़े-बड़े जानकार भी इस बात को मानते हैं कि राजनीति में महिलाएं अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से पुरुषों के मुकाबले ज्यादा कामयाब हैं और सियासत के शिखर तक जा पहुंचती हैं। इंदिरा गांधी की दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक क्षमता को आज भी राजनीतिक दिग्गज याद करते हैं। सिर्फ भारत ही नहीं और भी तमाम देशों में महिलाएं राजनीति में अपना लोहा मनवाती रही हैं। वहीं बात अगर चेहरों की खूबसूरती की करें तो कहावत है कि सियासत में दमकता चेहरा जितना हसीन है, राजनीति उनकी ही तीखी होती है। हसीन चेहरों की मालकिन ऐसी ही महिलाओं ने यूपी की सियासत को नए मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है। अगर बसपा को अपवाद मान लिया जाए तो यूपी में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं है, जहां किसी खूबसूरत चेहरे ने अपनी छाप नहीं छोड़ी है। आइए पढ़ते हैं खूबसूरत चेहरों के राजनीति में आने और सियासत में दमदार दखल की कहानी ...


डिंपल यादव

Dimple Yadav


उत्तर प्रदेश की राजनीति में हसीन चेहरों की बात हो तो पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की पत्‍नी डिंपल यादव का नाम सबसे ऊपर आता है। डिंपल यादव अभी कन्नौज से सांसद हैं। हमेशा साड़ी में नजर आने वाली डिंपल यादव बेहद खूबसूरत हैं। डिंपल की पहचान सिर्फ इसलिए नहीं है कि वे अखिलेश यादव की पत्नी हैं बल्कि उनकी अपनी एक अलग पहचान है। डिंपल यादव इंडियन अर्मी के रिटायर्ड कर्नल सीएस रावत की बेटी और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू हैं। डिंपल लगातार दूसरी बार जीतने वाली सांसद हैं, जिसमें वे एक बार निर्विरोध भी चुनी जा चुकी हैं। एक समय था जब डिंपल यादव ठीक तरीके से भाषण तक नहीं दे पाती थीं। लेकिन यादव कुनबे के दंगल के बाद डिंपल ने खुद को यादवों के बक्से में कैद करके नहीं रखा और अखिलेश के साथ खुलकर कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ीं। परिवारवाद और पितृसत्ता वाली समाजवादी पार्टी में अपनी अलग पहचान बनाने वाली डिंपल ने खुद को अखिलेश के बाद नम्बर दो की पोजीशन पर काबिज कर लिया है। सपा का हर कार्यकर्ता भी अब खुलकर ये मानने लगा है कि अखिलेश भइया के बाद अगर सपा में कोई है तो वह सिर्फ डिंपल भाभी ही हैं।


Smriti Irani


क्योंकि सास भी कभी बहू थी सीरियल के जरिए हर घर में स्मृति ईरानी को लोग तुलसी के नाम से जानते थे। मॉडलिंग से अपना करियर शुरू करने वाली स्मृति आज एक बड़ी राजनीतिक हस्ती हैं। 2003 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाली स्मृति ईरानी को राजनीति के करियर की शुरुआत में ही हार का मुंहल देखना पड़ा था। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने उन्हें दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से हराया था। लेकिन इस हार से स्मृति ईरानी ने बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार आगे बढ़ती गईं। 2004 में स्मृति ईरानी को बीजेपी ने महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया और 2011 में वे गुजरात से राज्यसभा की सांसद बनीं। 2014 लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी। बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने जब अमेठी से ताल ठोकी तो कहीं न कहीं बड़े से बड़े कांग्रेसी थोड़ा सहम गया। हालांकि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से चुनाव हार गईं लेकिन फिर भी कांग्रेस को इस बात का एहसास हो गया कि अब उनका किला अभेद्य नहीं रहा है। शायद ये राहुल गांधी को कड़ी टक्कर देने का ईनाम ही था जो 2014 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री जैसा बड़ा मंत्रालय दिया। इस समय स्मृति ईरानी के पास कपड़ा मंत्रालय के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी है।


प्रियंका सिंह रावत

Priyanka Singh Rawat

प्रियंका सिंह रावत उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से बीजेपी सांसद हैं। प्रियंका सिंह रावत खूबसूरत हैं और अपने तेज तर्रार अंदाज के लिए जानी जाती हैं। प्रियंका रावत दलित वर्ग से एक बड़ा नाम हैं। दरअसल यूपी में दलित वोट सबसे अधिक करीब 22 प्रतिशत है और किसी भी पार्टी के लिए यह वोट बहुत महत्वपूर्ण है। अभी तक यह माना जाता था कि दलित वोट बीएसपी का है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 और यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। उससे अब यह माना जाने लगा है कि दलित वोट बीजेपी को काफी मिला है। इसलिए बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अभी से दलित वोटों पर अपनी नजरें टिकाए हुए है। इसी रणनीति के तहत बीजेपी आलाकमान प्रियंका सिंह रावत को यूपी में प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान भी सौंप सकता है।


अदिति सिंह

Aditi Singh


अदिति सिंह रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस विधायक हैं। साधारण कद काठी वाली अदिति सिंह रायबरेली की सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके अखिलेश सिंह की बेटी हैं। अदिति सीधी, मनमोहक मुस्कान और सरल बोलचाल वाली साधारण सी लड़की हैं। अदिति ने उत्तरी कैरोलीना की नार्थ ड्यूट यूनीवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट किया है। बिजनेस में बेहतर करियर के बजाय अदिति सिंह ने राजनीति में आने का फैसला किया और अपने पिता के सियासी वर्चस्व को आगे बढ़ाने की ओर जोरदार मेहनत कर रही हैं।


नगमा

Nagma


नंदिता मोरारजी या नम्रता सदाना, जो नगमा के नाम से जानी जाती हैं। नगमा ने नौ भाषाओं हिन्दी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी आैर मराठी फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता का जबरदस्त परिचय दिया। नगाम कांग्रेस नेता हैं और वक्त-वक्त पर कांग्रेस के लिए प्रचार अभियान में हिस्सा भी लेती हैं। हिन्दी फिल्मों में अपने जमाने में वह खास मुकाम पर रह चुकी हैं। यही वजह रही कि राजनीति में ग्लैमर आैर अपनी टिप्पणियों के दम पर उन्होंने जल्द ही अपना सिक्का जमा लिया, और देशभर में नगमा के चाहने वालों की संख्या काफी बढ़ गर्इ। लोकसभा 2014 में नगमा ने मेरठ-हापुड़ सीट से कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। हालांकि वह चुनाव हार गईं, लेकिन चुनाव में सबसे लोकप्रिय प्रत्याशी रहीं और उनके पहले रोड शो से लेकर हर चुनावी व गैर चुनावी कार्यक्रम में खूब भीड़ उमड़ी।

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