
वाहनों की चेकिंग के दौरान चालान अब मौके पर ही जमा होंगे, परिवहन विभाग ने शुरू किया ट्रायल, POS मशीनें होंगी तैनात फोटो सोर्स : Social Media
Traffic Challan UP :अब यदि आपका वाहन नियमों के उल्लंघन में पकड़ा जाता है तो चालान भरने के लिए लंबी प्रक्रिया या ऑनलाइन पेमेंट की झंझट से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। परिवहन विभाग अब एक नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है, जिसके अंतर्गत सड़क पर वाहन चेकिंग के दौरान चालान की राशि मौके पर ही वसूली जा सकेगी। इसके लिए चेकिंग अधिकारियों को प्वॉइंट ऑफ सेल (POS) मशीनें दी जाएंगी।
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए परिवहन विभाग ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से साझेदारी की है। बैंक द्वारा अधिकारियों को POS मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिससे चालान की राशि डेबिट/क्रेडिट कार्ड, यूपीआई या QR कोड स्कैन करके तुरंत जमा की जा सकेगी। वर्तमान में इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा चुका है और शुरुआती नतीजे काफी सकारात्मक बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात जैसे कई राज्यों में पहले से ही चालान की राशि को मौके पर डिजिटल माध्यम से वसूलने की व्यवस्था सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश अब इसी व्यवस्था को अपनाकर ई-गवर्नेंस की दिशा में एक और कदम बढ़ा रहा है। यह पहल न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में भी कारगर साबित हो सकती है।
POS मशीनें सामान्यतः दुकानों में भुगतान के लिए उपयोग की जाती हैं। अब यही तकनीक वाहन चेकिंग अधिकारियों के पास भी उपलब्ध होगी। जब किसी वाहन चालक का चालान कटता है, तो मशीन के ज़रिये अधिकारी उसे चालान की राशि बता सकेगा। इसके बाद वाहन चालक अपनी पसंद के अनुसार कार्ड स्वाइप, UPI या QR कोड स्कैन कर भुगतान कर सकेगा। भुगतान होते ही ऑन-स्पॉट रसीद भी प्रदान की जाएगी।
इस पहल के जरिए न केवल ताजा चालान, बल्कि पहले से लंबित या बकाया चालान भी मौके पर ही जमा करवाने का विकल्प रहेगा। ऐसे में जिन वाहन चालकों के पुराने चालान लंबित हैं, उन्हें भी उसी समय नोटिस देकर भुगतान करने को कहा जाएगा।
परिवहन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस तकनीकी पहल से वसूली प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। चालान की राशि सीधे विभाग के खाते में जमा होगी, जिससे कैश लेन-देन में किसी प्रकार की हेराफेरी की संभावना नहीं रहेगी। यह कदम अधिकारियों की जवाबदेही तय करेगा और आम जनता के लिए सुविधा बढ़ाएगा।
अब तक चालान कटने के बाद वाहन चालकों को या तो कोर्ट के जरिए, या फिर परिवहन कार्यालय/ऑनलाइन पोर्टल से भुगतान करना पड़ता था, जो आम तौर पर समय लेने वाली और कई बार भ्रमित करने वाली प्रक्रिया होती थी। नई व्यवस्था के अंतर्गत चालान भरने के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और प्रयास दोनों की बचत होगी।
चालान की पूरी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से होने के कारण सारे रिकॉर्ड स्वचालित रूप से डेटाबेस में दर्ज हो जाएंगे। इससे कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी और रीपीट ऑफेंडर यानी बार-बार नियम तोड़ने वालों की पहचान करना आसान होगा।
इस पहल को लागू करने में ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग (RTO), और SBI के अधिकारियों के बीच समन्वय अत्यंत आवश्यक होगा। चेकिंग अधिकारियों को POS मशीन के प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं, जिससे वे मशीन का उपयोग कुशलता से कर सकें।
परिवहन विभाग की योजना सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। भविष्य में POS मशीनों को GPS और कैमरा युक्त ई-चालान प्रणाली से जोड़ने की योजना है, जिससे चालान प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और एविडेंस-बेस्ड हो सके। इससे किसी प्रकार की बहस या विवाद की स्थिति से भी बचा जा सकेगा।
परिवहन विभाग ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे इस नई प्रणाली का सहयोग करें और चालान होने की स्थिति में मौके पर ही भुगतान कर व्यवस्था को सुचारू बनाने में मदद करें। विभाग का कहना है कि यह पहल न केवल समय की बचत करेगी बल्कि कानून के पालन को भी बढ़ावा देगी।
Published on:
20 Jul 2025 09:22 am
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