वहीं, पुलिस की शुरुआती जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने माफी मांगी। महिला ने भी शिकायत वापस ले ली। वहीं, अब आईपीएस बीके सिंह का ट्रांसफर हो गया है।
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महिला ने वरिष्ठ आईपीएस पर छेडखानी का लगाया था आरोपमहिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि लाउंज में बनी हेल्पडेस्क पर आकर एडीजी उसकी सुंदरता की तारीफ करने के बाद छेड़खानी करने लगे थे। इस दौरान वह अपना फोन नंबर मुझे देने की कोशिश की और जबरदस्ती मुझे गले लिया। इससे मैं काफी असहज महसूस कर रही थी।
बता दें कि 17 जून 2023 को उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी बिनोद कुमार सिंह को चार साल की अवधि के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के रूप में नियुक्त किया गया था।
इन परिस्थितियों में प्रतिनियुक्ति पर आने वाला आईपीएस लौटता है अपने मूल कैडर
दरअसल, सामान्य तौर पर ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि प्रतिनियुक्ति पर आने वाला आईपीएस अधिकारी एक साल की समय सीमा पूरी होने से पहले ही अपने मूल कैडर में लौट जाए। इस तरह का आदेश दो ही परिस्थितियों में देखने को मिलता है। पहला, राज्य सरकार द्वारा किन्हीं विशेष कारणों के चलते आईपीएस अधिकारी को प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया जाए। इसमें यह भी संभव होता है कि उस अधिकारी को राज्य में बड़ा और अहम पद सौंपा जाना हो। उनके अनुभव विशेष का इस्तेमाल होना हो।
दरअसल, सामान्य तौर पर ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि प्रतिनियुक्ति पर आने वाला आईपीएस अधिकारी एक साल की समय सीमा पूरी होने से पहले ही अपने मूल कैडर में लौट जाए। इस तरह का आदेश दो ही परिस्थितियों में देखने को मिलता है। पहला, राज्य सरकार द्वारा किन्हीं विशेष कारणों के चलते आईपीएस अधिकारी को प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया जाए। इसमें यह भी संभव होता है कि उस अधिकारी को राज्य में बड़ा और अहम पद सौंपा जाना हो। उनके अनुभव विशेष का इस्तेमाल होना हो।
दूसरा, किसी आईपीएस के खिलाफ कोई बड़ी शिकायत रही हो। कोई वित्तीय धोखाधड़ी का मामला हों या छेड़छाड़ जैसा गंभीर आरोप लगा हो। राजनाथ सिंह के रहे हैं ओएसडी
केंद्रीय एजेंसी में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आईपीएस अफसर आमतौर पर पांच वर्ष तक काम करते हैं। किन्हीं खास परिस्थितियों में उन्हें दो वर्ष का विस्तार मिल जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान बीके सिंह की छवि एक दबंग अधिकारी की रही। उनकी गिनती सरकार के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है। उन्होंने यूपी में एडीजी सुरक्षा के पद पर भी काम किया है। वे केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के ओएसडी भी रहे हैं।
केंद्रीय एजेंसी में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आईपीएस अफसर आमतौर पर पांच वर्ष तक काम करते हैं। किन्हीं खास परिस्थितियों में उन्हें दो वर्ष का विस्तार मिल जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान बीके सिंह की छवि एक दबंग अधिकारी की रही। उनकी गिनती सरकार के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है। उन्होंने यूपी में एडीजी सुरक्षा के पद पर भी काम किया है। वे केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के ओएसडी भी रहे हैं।