6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोर्ट को जवाब देने के लिए योगी सरकार ने अध्यादेश को दी मंजूरी, 16 मार्च को सुनवाई

- योगी सरकार ने यूपी रिकवरी फॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 को दी मंजूरी - 16 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट में है सुनवाई - सुनवाई से पहले सरकार ने अध्यादेश किया पास

2 min read
Google source verification

लखनऊ. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) हिंसा के आरोपियों से संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भरपाई करने के मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं। इसलिए अदालत से झटका मिलने के बावजूद सरकार हिंसा के आरोपियों के पोस्टर शहर के चौराहों पर लगाए जाने को लेकर अडिग है। 16 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होनी है जिसमें सरकार को कोर्ट के इस सवाल का जवाब देना है कि किस कानून के तहत राज्य सरकार ने दंगाइयों के पोस्टर इस तरह चौराहे पर लगवा दिए। लिहाजा, इस पर कानून न होने के मसले पर सुनवाई से पहले सरकार ने इसका हल निकालते हुए यूपी रिकवरी फॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत आंदोलनों-प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दोषियों से वसूली भी होगी और उनके पोस्टर भी लगाए जाएंगे।

राज्यपाल से सहमति मिलने के बाद यह अध्यादेश कानून बन जाएगा और अगले छह महीने तक लागू रहेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी संपत्ति से नुकसान के लिए एक गाइडलाइन पहले से जारी की है जिसके तहत अगर कोई किसी हड़ताल, बंद या विरोध प्रदर्शन के दौरान पब्लिक या प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाता है, तो उस नुकसान की भरपाई, उस व्यक्ति या संगठन से की जाएगी, जिसने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। साथ ही प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। इसमे छह महीने से लेकर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। साथ ही हिंसा, दंगा और आगजनी करने वालों के खिलाफ आईपीसी के तहत कार्रवाई भी किए जाने का प्रावधान है। इसी प्रावधान के आधार पर दिल्ली दंगे में हुए नुकसान की भरपाई की बात गृह मंत्री अमित शाह ने की थी। लेकिन अब यूपी के पास अपना कानून होगा।

डीएम को कार्रवाई की अथॉरिटी

यूपी सरकार द्वारा लागू किए अध्यादेश में हिंसा, उपद्रव और तोड़फोड़ के मामलों के आरोपियों की तस्वीरें और जानकारी वाले पोस्टर लगाने का प्रावधान शामिल होगा। माना जा रहा है कि इसमें डीएम को कार्रवाई की अथॉरिटी भी होगी।

27 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट

19 दिसंबर को लखनऊ के खदरा इलाके में सीएए विरोध प्रदर्शन के मामले में आरोपियों पर यूपी पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है। इसमें पुलिस ने 27 उपद्रवियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मोहम्मद ताहिर नाम के व्यक्ति को गैंग का लीडर बताया है।आरोप है कि हिसां में शामिल लोगों ने चौकी सतखंडा फारूखी मस्जिद कासिम अली पुलिया हुसैनाबाद पर और दूसरे सरकारी संस्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की थी।

ये भी पढ़ें:सीएए हिंसा के आरोपियों के पोस्टर हटाने के आदेश के बीच योगी सरकार ने हर्जाना वसूलने के लिए ये अध्यादेश कर दिया पास