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शिक्षकों की मौत के आंकड़ों पर खींचतान, यूपी सरकार का दावा ड्यूटी के दौरान तीन की गई जान, शिक्षक संघ ने कहा 1621 ने तोड़ा है दम

Panchayat Chunav में ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों की मौत के मामले में अलग-अलग आंकड़े जारी होने पर प्रदेश सरकार चौतरफा घिर गई है।

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UP government claim only 3 teachers death during panchayat election

UP government claim only 3 teachers death during panchayat election

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों संपन्न हुए पंचायत चुनावों (Panchayat Chunav) में ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों की मौत के मामले में अलग-अलग आंकड़े जारी होने पर प्रदेश सरकार चौतरफा घिर गई है। एक तरफ शिक्षक संगठन ने कहा है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है। संगठनों ने सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि और आश्रितों को सरकारी नौकरी की मांग की है। दूसरी ओर यूपी सरकार के आंकड़े एकदम अलग हैं। यूपी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की जान गई है।

16 मई को पत्र लिखकर जारी की थी सूची

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षक संगठनों के दावे को गलत ठहराते हुए कहा है कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है। उनका दावा है कि निर्वाचन अवधि, चुनावी कार्य में घर से निकलकर आदमी के प्रशिक्षण लेने और चुनाव संपन्न कराकर घर जाने के दौरान ही होती है। इस अवधि में सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान 1621 शिक्षकों की मौत का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि पत्र के साथ एक सूची भी दी की गई थी जिसके मुताबिक आजमगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। प्रदेश के 23 ऐसे जिले हैं, जहां 25 से अधिक शिक्षकों-कर्मचारियों की संक्रमण से मौत हुई है।

निर्धारित पैमाना नहीं

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी शिक्षक संघ द्वारा दी गई सूची पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सूची में शामिल सभी लोगों की मौत को चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई मौत नहीं माना जा सकता। हमारे पास इसका कोई निर्धारित पैमाना नहीं है। न ही कोई ऑडिट है। यह कोई कैसे बता सकता है कि वह कब संक्रमित हुए। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत और निराधार है।

झूठ बोल रही है योगी सरकार- प्रियंका गांधी

शिक्षकों की मौत के अलग-अलग आंकड़ों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट कर कहा, 'पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है।'

मुआवजा देने से बचने के लिए सरकार बोल रही झूठ

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि मृत शिक्षकों के परिजनों को मुआवजा देने से बचने के लिए योगी सरकार झूठ बोल रही है। उन्होंने ट्वीट किया, 'उप्र की निष्ठुर भाजपा सरकार मुआवजा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है कि चुनावी ड्यूटी में केवल 3 शिक्षकों की मौत हुई है जबकि शिक्षक संघ का दिया आँकड़ा 1000 से अधिक है। भाजपा सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है। परिवारवालों का दुख ये हृदयहीन भाजपाई क्या जानें।'

शिक्षक संघ कर रहा मुआवजे की मांग

शिक्षक संघ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार मृत शिक्षकों के परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की है। इसके अलावा शिक्षक संघ ने मांग की है कि मृतकों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाये। इनकी ग्रेच्युटी की धनराशि भी दी जाए। कोरोना संक्रमित शिक्षकों के इलाज में खर्च हुई धनराशि की प्रतिपूर्ति भी सरकार करे। संघ ने चुनाव में अनुपस्थित शिक्षकों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी खत्म करने का अनुरोध किया है और कहा है कि बेसिक शिक्षकों से आरटीई एक्ट के तहत शिक्षण के अलावा और कोई भी काम नहीं लिया जाए।

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