
लखनऊ: उत्तर पद्रेश सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है, जिसके तहत वह अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी। इतना ही नहीं सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना लान्च करने की तैयारी में है। योजना को धरातल पर उतारने के लिए समाज कल्याण निदेशालय की तरफ से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इसके तहत देश भर में स्थित 165 नामचीन संस्थानों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों को फायदा मिल सकेगा।
टॉप-2 या 3 में रहे छात्रों को मिलेगा फायदा
बता दें कि अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों के लिए प्रदेश सरकार ने यह योजना तैयार की है। इसके तहत जेईई-मेन, जेईई-एडवांस, कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट), कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) और नीट आदि अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं में टॉप-2 या 3 में रहे यूपी के छात्रों की पूरी फीस का खर्चा यूपी सरकार की जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा उन्हें छात्रवृत्ति भी मिलेगी, ताकि उनके अन्य जरूरी खर्च भी पूरे हो सकें।
कुल 165 संस्थानों को चिह्नित किया गया
योजना के मुताबिक, इसके अंर्तगत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों व विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी और ट्रिपल आईटी सरीखे संस्थान शामिल होंगे। इसके लिए कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सुल्तानपुर और एचबीटीयू कानपुर समेत यूपी और अन्य राज्यों में स्थित कुल 165 संस्थानों को चिह्नित किया गया है। यहां पढ़ने वाले छात्रों (यूपी मूल के एससी वर्ग) को योजना का लाभ दिया जाएगा। जिससे 8 लाख रुपये तक सालाना आमदनी वाले परिवारों के छात्रों को अवसर मिल सकेगा।
सालाना 40-50 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान
समाज कल्याण विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इस योजना में 30 प्रतिशत लाभार्थी लड़कियां होंगी। एक माता-पिता के अधिकतम मेधावी दो बच्चों को ही लाभ मिलेगा। प्रस्ताव के अनुसार, लाभ लेने के लिए अधिकतम वार्षिक आय 8 लाख होनी चाहिए। प्रथम वर्ष में इस योजना के तहत करीब 500 मेधावी विद्यार्थियों को लाभांवित किए जाने की योजना है। इस पर 40-50 करोड़ रुपये सालाना खर्च आएगा। माना जा रहा है कि शीघ्र ही सरकार इस योजना को अंतिम मंजूरी दे देगी।
Published on:
05 Jun 2022 12:13 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
