27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Roadways: हां लिया हूं पैसा, थोड़ा-बहुत ऊपरी कमाई नहीं कर सकता क्या?

UP Roadways: जी, यही कहकर यूपी रोडवेज का कंडक्टर जांच टीम से भिड़ गया और गाली-गलौज करके, उन्हें उल्टे पांव भागने पर विवश कर दिया। आईए बताते हैं पूरा किस्सा...

2 min read
Google source verification
conducter_cartoon.jpg

प्रतिकात्मक चित्र

नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर की मजार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए। ऐसा काम ढूंढना जहां कुछ ऊपरी आय हो। मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चांद है, जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है। ऊपरी आय बहता हुआ स्रोत है जिससे सदैव प्यास बुझती है... नमक का दारोगा की यह पंक्तियां बिलकुल सटीक उत्तर प्रदेश रोडवेज बैठती हैं, जहां पर रोज कोई न कोई जांच-पड़ताल, घटनाएं जारी रहती है। रोडवेज अधिकारियों का एक हिस्सा इसी में मशगूल रहता है।
साईबर अटैक के बाद जैसे ही ऑनलाईन सेवाएं पटरी पर आई, टिकट को लेकर नया लफड़ा सामने आ गया। बताया जाता है कि लगभग पखवाड़े भर मैनुअल टिकटों में ड्राईवर-कंडक्टरों ने जमकर चांदी कूटा है। ऑनलाईन सेवाएं चालू होने के बाद भी मोटा मुनाफा छोडऩे का मोह कंडक्टर नहीं छोड़ पाया और करीब आधा दर्जन यात्रियों से किराया से कम पैसा लेकर कहा
‘आप यात्रा करो, कोई दिक्कत नहीं होगी। टिकट लेकर क्या करेंगे ?’

मामला लखनऊ से सटे बाराबंकी डीपो का है, जहां बेटिकट यात्री मिलने पर कंडक्टर जांच टीम से ही भिड़ गया। इतना ही नहीं, यातायात अधीक्षक से मैनुअल मार्ग पत्र और ईटीएम जबरन छीन कर उन्हें गाली देकर उल्टे पांव भागने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद बड़े आराम से ड्राइवर-कंडक्टर बस लेकर गीत-संगीत का आनंद लेते गंतव्य की तरफ चले गए। इसके बाद जांच अधीक्षक और उनकी टीम भागकर बाराबंकी के जैतपुर कोतवाली पहुंची और मामला दर्ज कराते हुए परिवहन विभाग को ब्योरा भेजा।
लखनऊ क्षेत्र के यातायात अधीक्षक बलराज सिंह, सहायक यातायात निरीक्षक संदीप मिश्र और गुरुप्रकाश सिंह ने बाराबंकी-हैदरगढ़ मार्ग पर बसों में टिकटों की चेकिंग और मिलान कर रहे थे। रात करीब साढे आठ बजे बाराबंकी डीपो की बस संख्या यूपी 32 एमएन 6054 आती हुई दिखी, तो अधीक्षक टीम ने उसे जांच के लिए रोका। जांच के दौरान आधा दर्जन यात्रियों के पास टिकट नहीं था। यात्रियों ने कहा कि उनसे किराया ले लिया गया है लेकिन टिकट नहीं दिया गया है।

यातायात अधीक्षक मैनुअल मार्ग पत्र भर रहे थे तभी ड्राइवर-कंडक्टर उग्र हो गए और जांच टीम को गाली-गलौच, धक्का-मुक्की करते हुए उनके कागजात, ईटीएम मशीन आदि छीन लिया। जिसके बाद जांच अधीक्षक टीम वहां से भागने को मजबूर हो गई। क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार का कहना है कि इस मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

हांलाकि रोडवेज यात्रियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं रोज ही हो रही है। सरकार की आंख में धूल झोंक कर टिकटों की अवैध बिक्री, सामानों की लादान, क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाना, डीजल से लेकर मेंटिनेंस के नाम पर बड़े खेल हो रहे हैं। कई बार इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत रहती है, और कई बार उनको धोखे में रखा जाता है। लेनदेन में फर्क आने पर बात उजागर हो जाती है।