
लॉकडाउन के दोरान ड्राइवर और कंडक्टरों को वेतन देने का निकाला गया तरीका, इस पद्धति से होगा भुगतान
लखनऊ. इस समय पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। कोई दिहाड़ी मजदूरी बंद होने से परेशान है तो कोई वेतन न मिलने से। परिवहन निगम के संविदा कर्मियों का वेतन भी इसी सब के चलते रुका हुआ है। लेकिन अब विभाग ने इन संविदा कर्मियों को मार्च का वेतन देने का नया तरीका निकाला है। दरअसल रोजवेज के संविदा बस के ड्राइवरों और कंडक्टरों को रोजाना किलोमीटर और ड्यूटी के आधार पर वेतन दिया जाता है, लेकिन इस समय इनके लिए लॉक डाउन की स्थिति में निर्धारित किलोमीटर और ड्यूटी को पूरा किया जाना संभव नहीं है। जिसके चलते इनका वेतन फंसा हुआ है। ऐसे में विभाग के एमडी के आदेश पर प्रधान प्रबंधक ने क्षेत्रीय प्रबंधकों को पोरेटा पद्धति पर इन सभी को वेतन दिए जाने से संबंधित सुझाव मांगा है। जिसपर एक प्रस्ताव बनाकर बोर्ड बैठक में मंजूरी ली जाएगी।
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक संचालन अतुल भारती ने बताया कि सितंबर 2018 में पोटेरा पद्धति पर जारी आदेश की कॉपी प्रदेश भर के क्षेत्रीय प्रबंधकों को भेजी गई है। इसमें उत्कृष्ट और उत्तम प्रोत्साहन योजना का निरूपण किए जाने और किलोमीटर और ड्यूटी दिवस पूर्ण नहीं किए जाने पर पोरेटा के आधार पर वेतन भुगतान की कार्रवाई होगी।
पोरेटा पद्धति में क्या?
पोरेटा पद्धति में एक ड्राइवर या कंडक्टर का पिछले तीन महीने का आंकलन करके उसका औसत निकाला जाता है। फिर उस आधार पर उसको सैलरी दी जाएगी। उदाहरण के तौर अगर एक ड्राइवर हर माह छह हजार किलोमीटर बस का संचालन करता है। यानि उसने प्रतिदिन 200 किलोमीटर बस चलाई। इसको आधार मानकर पोरेटा पद्धति लागू की जाती है। ऐसे में जितने दिन तक लॉकडाउन रहेगा, उतने दिन का वेतन संविदा कर्मियों को इसी आधार पर देने की तैयारी है।
Updated on:
02 Apr 2020 03:57 pm
Published on:
02 Apr 2020 03:55 pm
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