लखनऊ. एक तरफ जहां पूरा देश भाई-बहन के असीम प्यार का पर्व रक्षा बंधन मना रहा था वहीं, श्रावणी पूर्णिमा-नारियली पूर्णिमा पर मनकामेश्वर मठ मंदिर और नमोस्तुते मां गोमती संस्था की ओर से मनकामेश्वर उपवन तट पर देश और पर्यावरण का सुरक्षा बंधन बांधने का संकल्प लिया गया। यह आयोजन मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्या गिरि महाराज के सानिध्य में हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 11 वेदियों पर गोमती तट भव्य विधि विधान पूर्वक मां गोमती की पूजा अर्चना व महाआरती जिलाधिकारी राजशेखर समेत कई विशिष्ट जन मौजूद रहे। भव्य आरती के दौरान सबसे अच्छी यह बात रही कि आसमान से चंद्रमा का लगातार नजर बनाये हुए था जिसे देख कर भक्तों का हौसला और बढ़ रहा था। महंत संग मना महा रक्षाबंधन, सैकड़ों लोगों को बंधा रक्षा सूत्र-प्राचीन काल से ही संत अपने शिष्यों के हाथों पर रक्षासूत्र बांधते रहे हैं। वही परंपरा गोमती नदी स्थित मनकामेश्वर उपवन तट पर देखने को मिली। महंत देव्या गिरि जी महाराज ने वहां मौजूद हजारों भक्तों को रक्षासूत्र बांधा। साथ ही सकारात्मक दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। महंत देव्या गिरि ने कहा कि यह सच है कि संतों के हाथ से रक्षा सूत्र बांधकर ही दुर्गुणों से हमारी रक्षा हो सकती है। सच्चे अर्थों में गुरू ही ईश्वरीय प्रेम व प्रकृति के प्रेम का अहसास दिलाने का माध्यम होते है। इस कारण वहां मौजूद लोगों को सामाजिक समरसता और बंधुत्व को बढ़ावा मिला। 151 नारियल पर बांधें रक्षासूत्र- श्रावणी पूर्णिमा को नारियली पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस पर्व का संबंध रक्षा से है। गोमती नदी को नारियल तोड़कर व रक्षा सूत्र अर्पित करके आभार दर्शाया गया और रक्षा की कामना की गई। 151 लोगों ने एक साथ गोमती नदी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई। भजन संध्या से सुहावने मौसम में आनंदित हुए लोग- गायिका सीमा सारिका और साथियों ने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की। गरूदेव ने हमारी कलाई पर प्यार बांधा है...... गाकर तट पर स्नेह की बौछार कर दी। सावन का अंतिम दिन होने पर भगवान शिव की स्तुति की गई। भारत माता की आरती संग राष्ट्रभक्ति का संचार हुआ। लोकगीत से भी लोग आनंदित हुए। सामूहिक संकल्प द्वारा नई सभ्यता, संस्कृति का आगाज- आओ मनाएं रक्षाबंधन को देश और पर्यावरण का सुरक्षा बंधन। कुछ छोटे-छोटे कार्य स्वयं करें। अपने घर के सभी सदस्यों से कराएं। आसपास व ईष्ट मित्रों और पड़ोसियों से भी छोटे-छोटे कार्य कराएं। -परिवार में एक कागज पर यदि संभव हो तो भारत का नक्शा बनाकर, सिर्फ मैं भारत को प्रेम करता हूं और मै सदैव इसकी रक्षा करूंगा। ऐसा लिखकर उस पर परिवार के सभी लोग रक्षासूत्र बांधे और देश की रक्षा का संकल्प लें। प्रतिवर्ष रक्षाबंधन पर रक्षासूत्र बांधे और देश की रक्षा का संकल्प लें। -घर में लगे पौधों व वृक्षों पर रक्षा सूत्र बांधकर उसकी रक्षा का संकल्प लें। घर के सदस्य गैस सिलेंडर, इलेक्ट्रानिक उपकरण व वाहनों पर रक्षासूत्र बांधकर उर्जा संरक्षण की शपथ लें। - ईश्वर संसार के रचयिता हैं, इसलिए उन्हें भी रक्षासूत्र अर्पित करें। जो आपकी रक्षा करने वाला है, उसके प्रति आभार जताने के लिए रक्षासूत्र बांधें। ये प्रतीकात्मक रूप से रक्षाबंधन को एक वृहद रूप देने का प्रयास करेंगे। क्योंकि इस पर्व का संबंध रक्षा से है।