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फांसी देने से पहले दोषी के कान में क्या कहता है जल्लाद..

साल 2006 में दिल्ली से लगे इलाके नोएडा में एक ऐसा मामला सामने आया था। जिसमें दोषी ने दर्जनों लड़कियों की हत्या करके उनके साथ रेप किया। 12 मामलों में उसे फांसी हो चुकी थी। आज भी वो जेल में बंद है। हम आपको बताने जा रहे हैं फांसी देने से पहले जल्लाद किसी दोषी से क्या कहता है।

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लखनऊ

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Dinesh Mishra

Apr 07, 2022

Fansi For Prisoner Symbolic Pics

Fansi For Prisoner Symbolic Pics

दिल्ली के नजदीक नोएडा के नरसंहार कांड को सोचकर आज भी लोगों की रूह तक काँप जाती है। जिसके मुख्य आरोपी सुरेन्द्र कोली को सीबीआई कोर्ट ने 12 मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी। सुरिंदर कोली आज तक मेरठ की जेल में बंद है। उसे आज ही के दिन दूसरी बार मेडिकल कराकर यहाँ मेरठ जेल में शिफ्ट किया गया था। पत्रिका आपको बता रहा है कि फांसी देने से पहले जल्लाद कैदी के काम में क्या कहता है। फिर World Health Day पर आपको बताएँगे कि सुरेंडर कोली को कौन सी बीमारी थी।

फांसी से पहले क्या होता है?
किसी भी मुजरिम को फांसी पर लटकाने से पहले जल्लाद कैदी के वजन का ही पुतला लटकाकर ट्रायल करता है और उसके बाद फांसी देने वाली रस्सी का ऑर्डर दिया जाता है. दोषी के परिजनों को 15 दिन पहले ही सूचना दे दी जाती है कि वो आखिर बार कैदी से मिल सकें.


कान में यह आखिरी शब्द कहता है जल्लाद
फांसी से ठीक पहले जल्लाद मुजरिम के पास जाता है और उसके कान में कहता है कि "मुझे माफ कर देना, मैं तो एक सरकारी कर्मचारी हूं. कानून के हाथों मजबूर हूं." इसके बाद अगर मुजरिम हिंदू है तो जल्लाद उसे राम-राम बोलता है, जबकि मुजरिम अगर मुस्लिम है तो वह उसे आखिरी दफा सलाम करता है. इतना कहने के बाद जल्लाद लीवर खींचता है और उसे जब तक लटकाए रहता है जब तक की दोषी के प्राण नहीं निकल जाते. इसके बाद डॉक्टर दोषी की नब्ज टटोलते हैं. मौत की पुष्टि होने पर जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाती है और बाद में शव परिजनों को सौंप दिया जाता है.

फांसी के दिन क्या-क्या होता है?

1 फांसी वाले दिन कैदी को नहलाया जाता है और उसे नए कपड़े दिए जाते हैं.
2 सुबह-सुबह जेल सुप्रीटेंडेंट की निगरानी में गार्ड कैदी को फांसी कक्ष में लाते हैं.
3 फांसी के वक्त जल्लाद के अलावा तीन अधिकारी मौजूद रहते हैं.
4 जेल के अंदर ही तीन अफसर मौजूद होते हैं। जिस में सुप्रीटेंडेंट, मेडिकल ऑफिसर और मजिस्ट्रेट होते हैं.
5 सुप्रीटेंडेंट फांसी से पहले मजिस्ट्रेट को बताते हैं कि कैदी की पहचान हो गई है और उसे डेथ वॉरंट पढ़कर सुना दिया गया है.
6 डेथ वॉरंट पर कैदी के साइन कराए जाते हैं.
7 फांसी देने से पहले कैदी से उसकी आखिरी इच्छा पूछी जाती है.
8 कैदी की वही इच्छाएं पूरी की जाती हैं, जो जेल मैनुअल में होती हैं.
9 फांसी देते वक्त सिर्फ जल्लाद ही दोषी के साथ होता है.

Mental Health सुरिंदर कोली को कौन सी बीमारी थी?

Wolrd Health Day पर आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी बीमारी जो कि Mental Health से जुड़ी है।सुरिंदर लड़कियों को मारकर फिर उनके साथ सेक्स करता था। उसे इसमें मज़ा आता था। कोर्ट में दी गई दलील के उताबिक वो मानसिक रूप से बीमार था। दर्जनों लड़कियों की हत्या करने वाले सुरिंदर कोली को नेक्रोफिलिया जैसी बीमारी थी।

Necrophilia is Mental Health Issue

जिसे ग्रीक भाषा में 'नेक्रो' का मतलब 'शव' और 'फीलिया' का मतलब 'प्यार' होता है. इस तरह 'नेक्रोफीलिया' का मतलब 'मरे हुए लोगों के साथ सेक्स करके आनंद हासिल करना' होता है.