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World Tribal Day: यूपी के आदिवासी बच्चों के भविष्य संवारेंगे एकलव्य विद्यालय, सोनभद्र समेत चार और जिलों में खुलेंगे स्कूल

World Tribal Day: यूपी के सोनभद्र और लखीमपुर खीरी में पहले से संचालित हैं एकलव्य आवासीय विद्यालय, सोनभद्र समेत चार और जिलों में नए एकलव्य विद्यालय खोले जाने की है तैयारी। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी बजट में देश भर में 750 ऐसे विद्यालय खोलने का ऐलान कर चुकी हैं।

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World Tribal Day

विश्व आदिवासी दिवस

पत्रिका न्यूज नेटवर्क, लखनऊ. World Tribal Day: विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। आदविासी समाज प्रकृति के बेहद नजदीक रहना पसंद करते हैं। आज भी ज्यादातर आदिवासी जल, जंगल और जमीन की अपनी परंपरा के अनुसार ही जीवन गुजार रहे हैं। हालांकि सरकार उनके विकास और उज्जवल भविष्य के लिये विभिन्न योजनाएं चला रही है। आदिवासियों के लिये चलाई जाने वाली एक बेहद महत्वपूर्ण योजना है एकलव्य आवासीय विद्यालय। इसके जरिये उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलती है, जिससे न सिर्फ उनका भविष्य संवरता है बल्कि मुख्य धारा में आने के मौके मुहैय्या होते हैं। उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत अभी दो जिलों में विद्यालय संचालित हो रहे हैं, लेकिन जल्द ही चार अन्य जिलों भी आवासीय विद्यालय खाेले जाने की तैयारी है।


पांच राज्यों की सीमा से जुड़ने वाले देश के अकेले जिले यूपी के सोनभद्र और लखीमपुर खीरी में एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। इन विद्यालयों में अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास पर खास ध्यान दिया जाता है। केन्द्र सरकार की योजना है कि 2022 तक 50 फीसदी से अधिक जनजातीय आबादी (20,000 से अधिक जनसंख्या) वाले क्षेत्रों में ऐसे स्कूल खोले जाएं। गत बजट में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी देश भर में 75 एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जाने का ऐलान किया है।


बात करें उत्तर प्रदेश की तो यहां आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र के अलावा लखीमपुर खीरी में विद्यालय पहले से चल रहे हैं। सोनभद्र से सटे मिर्जापुर में भी आदिवसी आबादी है। ऐसे में इसका फायदा दोनों जिलों को मिलेगा। अब सोनभद्र में करीब 48 करोड़ रुपये की लागत से एकलव्य आदिवासी विद्यालय खोलने की तैयारी है। इसके अलावा यूपी के लखनऊ, बिजनौर और श्रावस्ती में भी 38 करोड़ रुपये की लागत से एकलव्य स्कूल खोले जाने की योजना है। इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है। केन्द्र सरकार की ओर से और स्कूल खोले जाने के ऐलान के बाद उम्मीद है कि जल्द ही इन जिलों में नए एकलव्य आवासीय विद्यालय अस्तित्व में आ जाएंगे। बताते चलें कि फिलहाल देश भर में 462 एकलव्य विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018 में देश भर में आदिवासी बाहुल्य इलाकों में एकलव्य स्कूल खोलने का ऐलान किया था।