इस चुनाव के लिए आए पर्यवेक्षक की सिफारिश पर निवर्तमान चेयरमैन विनोद गुप्ता को टिकट दिया गया है। इसे लेकर खुलकर तो कोई कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन चर्चाएं कई तरह की है। स्थानीय सपा संगठन की नाराजगी सपा प्रत्याशी को झेलनी पड़ सकती है। टिकट की दौड़ में सपा से निराश एक प्रत्याशी ने बसपा का दामन थाम लिया है तो इसी दल से टिकट चाहने वाले दूसरे पूर्व चेयरमैन ने निर्दल प्रत्यशी के समर्थन की घोषणा की है। इस नगर पंचायत से कांगे्रस ने भी पूरे जोर से मैदान में उतरने की रणनीति तय की है।
कांग्रेस ने पिछले चुनाव में बमुश्किल एक सौ वोट से हारे मु अयूब को अपना उम्मीदवार बनाया है। अल्पसंख्यक वोटरों में अयुब की पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती है। भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नही की है। लेकिन राजेश जायसवाल भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चूनाव प्रचार और जनसंपर्क में जुटे हुए है। पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में वे चुनाव हार चुके हैं लेकिन इसके पिछले चुनाव में उनके भाई अशोक जायसवाल अध्यक्ष चुने गए थे।
जिले में सभी को भाजपा उम्मीदवार के सूची का इंतजार है। पिछले चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रहे कई लोग आश लगाए बैठे हैं लेकिन अभी जिन जिलों में भाजपा की सूची जारी हुई है उसमें नए और दूसरे दलों से आए उम्मीदवारों को जिस तरह तरजीह मिलती दिख रही है उससे कईयों के होश उड़े हुए है। नौतनवा छोड़ कर विधानसभा की सभी सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों का कब्जा है। सांसद भी भाजपा के ही है। नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए एक एक विधायक के पास तीन तीन उम्मीदवार है। उम्मीदवार चयन में यह अलग परेशानी है। कहीं कहीं तो सांसद और विधायक के बीच तालमेल न हो पाने के कारण भी जिले में भाजपा की सूची अटकी हुई है।
भाजपा के अंदरखाने से खबर आ रही है कि इस जिले में भाजपा अपनी सूची सभी दलों की सूची जारी होने के बाद जारी करेगी। वजह भगदड़ को रोकना है। सपा से जिसे टिकट नहीं मिला उनमें अधिकांश लोग दूसरे दलों की ओर झांक रहे हंै। कुछ को बसपा और कांगे्रस से खुला आफर तक आ गया। जाहिर है भाजपा में भी यह स्थित पैदा हो सकती है। इन सब राजनीतिक झंझावतों के बीच भाजपा जिला अध्यक्ष अरूण शुक्ला कहते हैं कि भाजपा की सूची आज देर सबेर जारी हो सकती है। कहा कि पार्टी की प्राथमिकता चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों का चयन रहा है।