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जिला अस्पताल का हाल, आठ साल के घायल ​बेटे के इलाज को दो घंटे तक भटकती रही रेशमा

जिला अस्पताल में डॉक्टर और दवाइयां मिलना तो दूर, इतनी भीषण गर्मी में बीमारों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है।

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मैनपुरी। प्रशासनिक अधिकारियों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के उदासीन रवैए के चलते जिला अस्पताल के हालात खस्ता हैं। इसका ताजा उदाहरण मैनपुरी जिले में देखने को मिला। यहां सोमवार को भोगांव के धुबइया गांव की रहने वाली रेशमा अपने आठ साल के घायल बेटे का इलाज करवाने के लिए जिला अस्पताल में दो घंटे तक भटकती रही। इस दौरान उसे पीने का पानी तक नसीब नहीं हुआ। रेशमा ने बताया कि लेंटर गिर जाने से उसका बेटा मंगल घायल हो गया था। जिसका इलाज करवाने के लिए वह पहले सामुदायिक केंद्र पहुंची थी। लेकिन उसके बेटे के सिर पर घाव गहरा होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नहीं होने के कारण बेटे को काफी देर परेशानी झेलनी पड़ी। ये तो सिर्फ एक मामला है, इसके अलावा जिला अस्पताल में क्या क्या समस्याएं हैं, आइए आपको बताते हैं।

शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का होर्डिंग ही कर दिया गायब
आम लोगों को सरकारी सुविधाओं की जानकारी देने के लिहाज से जिला अस्पतालों में होर्डिंग्स लगवाए थे। लेकिन यहां ये होर्डिंग्स कबाड़ में फेंके जा चुके हैं। लिहाजा जरूरतमंदों को अपने अधिकारों की भी जानकारी नहीं हो पाती, जिसके कारण उन्हें भटकना पड़ता है।

खराब पड़ा आरओ प्लांट
भीषण गर्मी में बीमारों को अगर पानी नहीं मिले तो वह और बीमार हो जाते हैं, लेकिन जिला अस्पताल के अधिकारियों को इस बात से कोई गुुरेज नहीं है। पिछले तीन महीनों से अस्पताल में लगा आरओ प्लांट खराब पड़ा हुआ है। लिहाजा लोगों को बाहर से खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है।

दवाइयों का स्टॉक खत्म
अस्पताल में लोगों को दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जातीं। लोगों को बाहर से मोटी रकम खर्च कर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। इन सब मुद्दों को लेकर जब सीएमएस जिला अस्पताल डॉ.आर के सागर से बात की गई तो उनका कहना था कि अस्पताल में स्टाफ की कमी होने कारण कुछ काम नहीं हो पा रहे हैं। दवाईयों के लिए शासन की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई हैं। जल्द ही सभी व्यवस्थाएं सुधार ली जाएंगी।