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बहुत बार ऐसा होता है कि हम कुछ नया प्रोजेक्ट शुरु करते हैं लेकिन जाने अनजाने कारणों से वो प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाता। इसके लिए सबसे पहले तो प्रोजेक्ट स्टार्ट करने वाले में एक लीडर की खूबियां होनी चाहिए ताकि वो अपनी टीम के सबसे खराब साथी से भी अच्छा काम करवा सकें। आइए जानते हैं क्या हैं ये खास बातें...
बोलना सीखें
हर लीडर की अपनी पर्सनेलिटी होती है कोई एक्ट्रोवर्ट होता है तो कोई इन्ट्रोवर्ट। कोई अग्रेसिव होता है तो कोई कूल। आप भी अपनी पर्सनेलिटी के अनुरूप कोई भी स्टाइल डवलप कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको एक जरूरी स्किल खुद के अंदर विकसित करनी होगी, वह है बोलने की। आपको टीम से काम के बारे में कई विषयों पर बात करनी होगी और उन्हें अपने टारगेट्स की डिटेल्स देनी पड़ेगी। बिना संवाद के टीम की कल्पना नहीं की जा सकती।
ज्यादा की चाह रखें
हर समय महत्वाकांक्षी बने रहें। जैसे ही आपको बड़े मौके नजर आएं, वैसे ही अपनी टीम और खुद को आगे बढऩे के लिए कहें। आपके प्रयासों और जोश से कई चीजें आसान हो जाती हैं। इससे आपके एम्प्लॉयर और टीम मेंबर्स पर असर पड़ता है। हमेशा इस बारे में विचार करते रहें कि किस तरह से काम को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकता है और नई स्किल्स सीखी जा सकती हैं। आपकी टीम हमेशा आपके रास्ते पर ही आगे बढ़ेगी। टीम के साथ मिलकर आप बड़े से बड़ा लक्ष्य भी हासिल कर सकते हैं।
बुरी खबर न छुपाएं
अगर आप लीडर की भूमिका में नए हैं तो बुरी खबरों को स्वीकार और शेयर करना सीखें। बुरी खबरों को छुपाने की बजाय आगे बढक़र बताएं। अगर आप लोगों को बुरी खबरें शेयर करने के लिए प्रेरित करेंगे तो कम्यूनिकेशन का नया रास्ता खुलेगा। इससे समस्या को ज्यादा फैलने से पहले ही रोक पाएंगे। बुरी खबर को शेयर करने में होने वाली झिझक को दूर करें और खुलकर अपने टीम मेंबर्स के साथ शेयर करें। इससे टीम आप पर भरोसा करने लगेगी और समस्याएं सुलझाने में टीम का पूरा सपोर्ट मिलेगा।
बार-बार दोहराएं
आपको हर कम्यूनिकेशन को बार-बार को दोहराना चाहिए। आपको ध्यान रखना चाहिए किसी बात को दुबारा कहते समय आपकी भावनाओं, कंटेंट और टोन एक जैसी होनी चाहिए जैसा कि किसी विज्ञापन में होता है। इससे तय होता है कि अलग-अलग टीम मेंबर्स से और अलग-अलग समय पर आपने एक ही बात पर जोर दिया है। जब कोई व्यक्ति अपनी बात पूरी कर ले तो उसकी बात को दोहराएं। इससे पता लगता है कि आपने बातें ध्यान से सुनी हैं।
लोगों को समझ में आए
आपके टीम मेंबर्स इस बात पर गौर करते हैं कि आप कहां हैं, क्या कर रहे हैं और क्या कह रहे हैं। अगर आप एक ही स्थिति पर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देंगे तो टीम मेंबर्स समझ नहीं पाएंगे कि आपसे क्या अपेक्षा की जाए। इससे उन्हें तनाव होगा और वे आपके न होने पर कोई भी निर्णय नहीं ले पाएंगे। इन दोनों ही स्थितियों में आउटपुट खराब होता है। जैसे-जैसे आप लोगों को समझ में आने लगेंगे आपकी टीम की परफॉर्मेंस में स्थिरता नजर आएगी। किसी परिस्थिति में अगर आप अलग व्यवहार करते हैं तो लोगों को समझ में आ जाएगा कि आप भी उनकी तरह एक इंसान हैं। अपने व्यवहार में स्थिरता लाने का प्रयास करें। इससे काम में फायदा मिलेगा।
प्रतिस्पर्धा से बचें
टीम लीडर के तौर पर आपका कंपीटिशन खुद की आखिरी महीने की परफॉर्मेंस से होना चाहिए। तारीफ के लिए टीम मेंबर्स से कंपीटिशन न करें। इससे पूरी टीम धीरे-धीरे काम करना बंद देगी। इसके बजाय कलीग्स को सफलता पाने में मदद करें और विजेता टीम का हिस्सा बनें।
Published on:
13 Jun 2018 02:54 pm
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