विभिन्न शोध बताते हैं कि दिमाग को जितना ज्यादा व्यस्त रखते हैं, दिमाग उतना ही शॉर्प बनता है। दिमाग भी शरीर के बाकी अंगों की तरह होता है। यदि हम व्यायाम नहीं करते हैं, तो शरीर मजबूत नहीं बनता है। उसी तरह अगर हम दिमाग को व्यस्त नहीं रखते हैं, तो यह धीरे-धीरे सुस्त हो जाता है। आपको रोज नई स्किल्स सीखने का प्रयास करते रहना चाहिए।
आपको अपने कार्यों या लक्ष्यों को लिख लेना चाहिए। ये लक्ष्य रोज के भी हो सकते हैं और लॉन्ग टर्म के भी। इन्हें अलग-अलग लिखना जरूरी होता है। इससे काम को एक निश्चित क्रम में करने के लिए प्रेरित होते हैं। अगर दिमाग से बात करने की आदत बना लेंगे, तो समझ में आने लगेगा कि आपको आगे क्या करना है।
रोज सोने से पहले पूरे दिन की गतिविधियों पर गौर करने की आदत डालनी चाहिए। छोटी-छोटी बातों पर विचार करना चाहिए। इससे दिमाग मजबूत बनता है। खुद से सवाल करें- आज दिनभर में मैंने क्या खास सीखा? क्या मैंने अपने दिमाग को किसी तरह की चुनौती दी? खास चीजों को याद करने की कोशिश करें। आप जिन लोगों से मिले, उनके नाम दोहराएं।
तनाव दिमाग को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। किसी भी बात की टेंशन नहीं लेनी चाहिए। टेंशन के कारण दिमाग काम करना बंद कर देता है। आपको पता होना चाहिए कि आप किस बात से सबसे ज्यादा तनाव में आ जाते हैं। तनाव को दूर करने के लिए आपको क्रिएटिव तरीकों की मदद लेनी चाहिए। आपको दिमाग को कुछ देर के लिए खाली भी छोडऩा चाहिए।
कुछ लोगों को लगता है कि एक साथ कई काम करने से समय बचता है, पर मल्टीटास्किंग से दिमाग को नुकसान पहुंचता है। दिमाग एक काम को एक समय में बेहतर तरीके से पूरा कर सकता है, जबकि प्रोफेशनल लाइफ में मल्टीटास्किंग को एक गुण की तरह देखा जाता है। मल्टीटास्किंग से सीखने की आदत खत्म होती है और आप मशीन बनने लगते हैं।