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इस एक मंत्र से दूर हो जाएंगी सारी आफतें, लाइफ होगी खुशहाल

हमारे अंदर ऊर्जा आती है।

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जयपुर

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Sunil Sharma

Jun 16, 2019

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जीवन में बुरी परिस्थितियां आने पर हम दुखी हो जाते हैं। अगर हम बाहरी घटनाओं को हमारी मनोदशा को प्रभावित करने देंगे तो बाहरी शक्तियां हमारी खुशियों को नियंत्रित करने लगती हैं। हम खुद को बाहरी प्रभावों से मुक्त रख सकते हैं। जीवन में खुश रहने से हमारे अंदर ऊर्जा आती है। हम अपने लक्ष्यों पर भरपूर काम करते हैं, अपने साथ वालों को खुश रखते हैं। इससे समाज खुश होता है। खुश रहने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार ही नहीं होता है, बल्कि यह आपकी उम्र को भी बढ़ा सकती है। खुश रहने से वृद्ध लोगों में मरने की आशंका 35 प्रतिशत कम हो जाती है।

रिपोर्ट में भारत का 140वां स्थान
हैप्पीनेस एक व्यापक रिसर्च का विषय बन गया है। वर्ष 2019 की ग्लोबल हैप्पीनेस रिपोर्ट में 156 देशों के सर्वे में यूरोपीय देश फिनलैंड टॉप पर है। भारत 140वें, पाकिस्तान को 67 वें और भूटान, श्रीलंका क्रमश: 95वें और 130वें स्थान पर हैं। यानी पड़ोसी देश खुशी के मामले में भारत में कहीं आगे हैं। हम जब खुश होते हैं तो हमारे अंदर कई तरह के केमिकल्स पैदा होते हैं।

खुशी के हैं कई फायदे
खुशी जिंदगी के ध्येय और आत्म संतुष्टि पर भी निर्भर है। पेरिस एयरपोर्ट परिसर में एक पियानो रखा हुआ है ताकि अगर कोई दुखी व्यक्ति आता है तो वह पियानो बजाकर अपनी हैप्पीनेस को बढ़ा सकता है। दुबई के सरकारी विभागों में हैप्पीनेस मीटर से लोगों से सेवाओं का आकलन किया जाता है।

सामाजिक बनें
हम खुशियों को कई तरीकों से हासिल कर सकते हैं। पहली बात है कि हमें अपने जीवन की तुलना गरीब लोगों से करनी चाहिए। जब हम उनके साथ अपने जीवन की तुलना करते हैं तो हम भाग्यशाली महसूस करते हैं कि कम से कम हमारे पास बुनियादी सुविधाएं हैं और खुश महसूस करना शुरू कर देते हैं। दूसरी बात है कि हमें अपने पिछले गलत कामों की चिंता नहीं करनी चाहिए। खुशियां केवल तभी प्राप्त की जा सकती हैं जब हम वर्तमान में रहते हैं और केवल वर्तमान कार्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हमें हमेशा अपने परिवार, दोस्तों व रिश्तेदारों के बीच अच्छे संबंध बनाकर रखने चाहिए।

सच्ची खुशी केवल अंदर से ही आती है
हैप्पीनेस रिपोर्ट में कहा गया है कि जो देश शीर्ष पर हैं, वहां के लोग उच्च मूल्यों के साथ आय, स्वस्थ जीवन, स्वतंत्रता, उदारता और विश्वास पर बेहद जोर देते हैं। मौजूदा दौर में कई लोग खुशी की तलाश में हैं। वे इसे अपने अंदर नहीं, बल्कि अन्य लोगों और भौतिक चीजों में खोजते हैं। सच्ची खुशी अंदर से आती है। हमें खुद का सबसे अच्छा दोस्त बनना होगा। सकारात्मक सोच हमारी खुशी का कारण बन सकती है। जीवन से नकारात्मक सोच को अलविदा कहना होगा।